कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी देश में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए सोमवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने पहुंचीं. सोनिया गांधी केंद्र सरकार की नीतियों और देश के माहौल को लेकर राष्ट्रपति से चर्चा की. बताया जा रहा है कि करीब 45 मिनट चली मुलाकात के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति से मोदी सरकार को कठोर कदम उठाने की सलाह देने का आग्रह भी किया.
इसके पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बिहार के पूर्णिया में चुनावी रैली के दौरान असहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार किया. पीएम ने कहा कि 2 नवंबर 1984 को सिखों का कत्लेआम करने वाले अब ड्रामा कर रहे हैं. मोदी ने सहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर उन्हें घेरते हुए कहा था कि 1984 के 2 नवंबर को देश सिख विरोधी दंगों की आग में झुलस रहा था और आज उसी दिन कांग्रेस सहिष्णुता पर भाषण दे रही है.
कांग्रेस ने किया मोदी पर पलटवार
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा, 'इंदिरा गांधी की हत्या और उसके बाद हुए दंगे इतिहास का एक दुखद और उदास अध्याय है जिस पर हर सरकार ने हरसंभव कार्रवाई की और राहत की संभावनाएं तलाशीं. सौभाग्य से हम सामाजिक एकता कायम रखने में कामयाब रहे.'
उन्होंने कहा कि मोदी ने 1984 दंगों का जिक्र बाकी मुद्दों पर से जनता का ध्यान हटाने के लिए किया है. 2002 के दंगों को याद दिलाते हुए कांग्रेस ने कहा, 'प्रधानमंत्री को अटलजी के वे शब्द याद रखने चाहिए जिनमें उन्हें राजधर्म का पालन करने की सलाह दी गई थी.'
बता दें कि कांग्रेस का एक विशेष प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा और केंद्र सरकार की नीतियों व समाज में बढ़ी असहिष्णुता को लेकर विरोध दर्ज कराएगा.