दिल्ली हिंसा के विरोध में कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय से मार्च निकाला. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में निकाले गए मार्च को गांधी स्मृति तक जाना था, लेकिन इससे पहले ही जनपथ मार्ग पर उन्हें दिया गया. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के कुछ इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर जमकर हिंसा भड़की, जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई. कांग्रेस ने हिंसा पर चिंता जताई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा.
प्रियंका गांधी के अलावा मार्च में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल, पीएल पुनिया, रणदीप सुरजेवाला, अजय सिंह लल्लू (यूपी कांग्रेस प्रमुख), मणिशंकर अय्यर, सुष्मिता देव, कृष्णा तीरथ और सुभाष चोपड़ा रहे.
Delhi: Congress leaders and workers participating in 'peace march' stopped at Janpath Road. They were heading towards Gandhi Smriti. pic.twitter.com/LSaAAhmTo6
— ANI (@ANI) February 26, 2020
पार्टी मुख्यालय से शुरू हुए मार्च को तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति तक जाना था, लेकिन पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को गांधी स्मृति पहुंचने से पहले ही रोक दिया. इसके बाद पार्टी नेता सड़क पर ही बैठ गए.
ये भी पढ़ें- दिल्ली- हिंसाग्रस्त इलाकों में दहशत का माहौल, रातभर की पहरेदारी
'दिल्ली की स्थिति के लिए अमित शाह जिम्मेदार'
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और दिल्ली की स्थिति पर चिंता जताई. सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है. एक साजिश के तहत हालात बिगड़े. बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए. चुनाव के दौरान नफरत फैलाया. दिल्ली की स्थिति के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
ये भी पढ़ें- हिंसाग्रस्त इलाकों की गलियों में NSA डोभाल, लोगों से कहा- सबको मिलकर रहना है
सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?