कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी निशाना पर लिया है.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर मोदी सरकार को घेरते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि एक रिपोर्ट ने 4 खुलासे किए हैं. इसके बाद गुरुवार को एक केंद्रीय मंत्री ने रटारटाया कागज मीडिया के सामने पढ़ दिया, लेकिन उन्होंने 3 सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रियंका गांधी वाड्रा के मोदी सरकार से 3 सवाल......
1. क्या यह सच है कि RBI और चुनाव आयोग की आपत्तियों को नकारा गया?
2. रिपोर्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान गैरकानूनी तरीके से बॉन्ड की बिक्री की अनुमति दी? क्या यह सच है?
3. चंदा देने वाले की पहचान गोपनीय है- क्या सरकार ने ये झूठ बोला?
दरअसल, गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया था और कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से भ्रष्टाचार कम हुआ है. जो टोली पीएम मोदी और सरकार पर अनाप-शनाप आरोप लगाने की कोशिश करती है, उन्हीं लोगों ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर चर्चा की और बेबुनियाद आरोप लगाए, जबकि बीजेपी ने कालेधन पर वार किया.
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड
केंद्र सरकार साल 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना लेकर आई थी. जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29-A के तहत ऐसे राजनीतिक दल जिनको पिछले आम चुनाव या राज्य के विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक मत मिले हैं, इलेक्टोरल बांड हासिल कर सकते हैं. ये बांड 15 दिन के लिए वैध होते हैं और राजनीतिक दल इस अवधि में किसी बैंक खाते के जरिए इनको भुना सकते हैं.