कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी जल्द ही अपनी पार्टी में सबसे बड़े बदलाव की तरफ कदम बढ़ाने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की सबसे बड़ी फैसला लेने वाली बॉडी 'कार्यसमिति' को राहुल आने वाले दिनों में भंग करने वाले हैं. यानी सोनिया गांधी के कार्यकाल में बनी कार्यसमिति अब राहुल के कार्यकाल में नए सिरे से गठित होगी.
कार्यसमिति की बैठक 17 फरवरी को
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने प्रक्रिया के तहत अब कांग्रेस की पुरानी कार्यसमिति को भंग करने का मन बना लिया है। 17 फरवरी को इस पुरानी कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें अधिवेशन की तारीख पर मुहर लगा दी जाएगी. इसके बाद जल्दी ही कांग्रेस कार्यसमिति भंग हो जाएगी.
संभावना इस बात की भी है कि अधिवेशन की तारीख पर फैसला होने के बाद पूरी कार्यसमिति खुद ही ये कहकर इस्तीफे की पेशकश कर दे कि नए अध्यक्ष की नई कार्यसमिति बननी है. तकनीकी तौर पर कार्यसमिति भंग होते ही वह स्टीयरिंग कमेटी में तब्दील हो जाएगी, जो अगले महीने 17-18 मार्च को दिल्ली में संभावित पार्टी के अधिवेशन तक कार्यवाहक तौर पर बनी रहेगी. हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आलाकमान के समक्ष मोहाली में अधिवेशन कराने को प्रस्ताव रखा है.
इस कार्यसमिति में देश के मौजूदा राजनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा होगी. इनमें पीएनबी घोटाला भी शामिल है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के हालात और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर चर्चा की जाएगी.
कार्यसमिति का चुनाव
इसके बाद पार्टी अधिवेशन में नई कार्यसमिति के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. कांग्रेस अध्यक्ष समेत कार्यसमिति में कुल 25 सदस्य होते हैं, जिसमें 12 का चुनाव होता है और 12 पार्टी अध्यक्ष द्वारा मनोनीत होते हैं. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की तर्ज पर कार्यसमिति के 12 सदस्यों की चुनावी प्रक्रिया होगी, लेकिन 12 ही लोगों के नामांकन भरने की सूरत में वोटिंग की नौबत शायद ही आए. बाकी 12 सदस्यों को राहुल खुद मनोनीत करेंगे.
कुछ इस तरह अधिवेशन में कांग्रेस की नई कार्यसमिति का गठन हो जाएगा. सूत्रों का मानना है कि इसमें से कई पुराने सदस्यों की छुट्टी होगी तो कुछ पुराने सदस्य बरकरार भी रहेंगे, लेकिन कई नए सदस्यों की एंट्री भी होगी, जिन्हें राहुल का करीबी माना जाता है. नामों को लेकर टीम राहुल लगातार माथापच्ची और राय मशविरा कर रही है, लेकिन नामों पर अब भी अंतिम फैसला नहीं हो सका है.
कुल मिलाकर कार्यसमिति का गठन होते ही राहुल गांधी की टीम सामने आ जाएगी और कांग्रेस संगठन में सोनिया गांधी का सियासी युग समाप्त हो जाएगा.