मोदी सरकार द्वारा 10 जांच एजेंसियों को किसी भी निजी कम्प्यूटर की जांच करने का हक देने के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदी जी, भारत को पुलिस राज्य में तब्दील करने से समस्याओं का समाधान नहीं होने वाला है. इससे आप एक अरब से ज्यादा भारतीयों के सामने सिर्फ यह साबित कर रहे हैं कि आप कितने आशंकित तानाशाह हैं.'
इसके अवाला इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार थ्री-S मॉडल यानी Data Snooping, Data Stealing और Scaring the citizens of India पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी अब राजनीतिक हताशा में घर-घर की निजी बातचीत सुनना चाहती है. वो देश के नागरिकों की निजता पर वार कर रही है. बीजेपी तीन राज्यों में अपनी हार को पचा नहीं पा रही है.
शेरगिल ने कहा कि मोदी को ताक-झांक की लत लग चुकी है. उनका पहले भी ऐसा ही ट्रैक रिकार्ड रहा है. निजी कंम्प्यूटर की जांच करने का हक 10 जांच एजेंसियों को देने का सर्कुलर असंवैधानिक, गैरकानूनी, आईटी एक्ट के खिलाफ है और 9 जजों की बेंच के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाला है. सरकार जांच एजेंसियों को बेलगाम अधिकार नहीं दे सकती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी साल 2014 में घर-घर मोदी के नारे से सत्ता में आए थे, लेकिन अब जब सत्ता जा रही है तो घर-घर जासूसी नारा हो गया है. ये आदेश कानून के तहत जनहित में नहीं, सिर्फ मोदी के हित में जारी किया गया है. ये आदेश वोट की चोट के खतरे से बचने के लिए जारी किया गया है. मोदी सरकार के एक पेज के आदेश ने निजता के अधिकार पर 547 पेज के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कुचल दिया है.
उन्होंने मांग की कि मोदी सरकार स्पष्ट करे कि वो कौन सा जनहित है, जो निजता के अधिकार को कुचलता है? क्या हिंदुस्तान अब पुलिस स्टेट या सर्विलेंस स्टेट बन गया है. हमारी मांग है कि ये गैरकानूनी आदेश जल्द से जल्द वापस लिया जाए और जनता को ये सफाई दी जाए कि इसे क्यों जारी किया गया? क्या मोदी सरकार भारतीय मतदाताओं से डर गई है? कांग्रेस पर उंगलियां उठाने वाली रणनीति पुरानी और बासी हो चुकी है?