scorecardresearch
 

कांग्रेसियों की गुहार, लोकसभा में पार्टी नेता के पद की जिम्मेदारी संभालें राहुल गांधी

बड़ा सवाल ये है कि संगठन में खड़गे को बड़ी भूमिका क्या इशारा करती है. खुद राहुल पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू करने की वकालत करते रहे हैं, हालांकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद पार्टी संगठन में यूपी के प्रभारी महासचिव बने हुए हैं.

Advertisement
X
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)

Advertisement

यूपीए सरकार की 2014 में विदाई के बाद जब कांग्रेस पार्टी की 44 सीटें आईं तो भी कांग्रेस के नेताओं के एक वर्ग में राहुल को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाने की मांग उठी. राहुल के करीबी अजय माकन ने राहुल से इस बाबत गुज़ारिश भी की. लेकिन उस वक़्त सोनिया की छत्रछाया में आगे बढ़ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसलिए दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया.

अब कर्नाटक में चुनाव हो चुके हैं, खड़गे कर्नाटक से आते हैं. खड़गे वरिष्ठ नेता हैं और उनको महाराष्ट्र कांग्रेस का प्रभारी महासचिव बना दिया गया है. दरअसल वो सीनियर हैं तो सीट बंटवारे के मसले पर एनसीपी के शरद पवार से आसानी से बात कर सकते हैं.

बड़ा सवाल ये है कि संगठन में खड़गे को बड़ी भूमिका क्या इशारा करती है. खुद राहुल पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू करने की वकालत करते रहे हैं, हालांकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद पार्टी संगठन में यूपी के प्रभारी महासचिव बने हुए हैं.

Advertisement

ऐसे में दलित नेता खड़गे को संगठन में महासचिव और महाराष्ट्र का प्रभार देकर राहुल ने उनके कद का ख्याल रखा है, लेकिन इसी फैसले के बाद कांग्रेस के भीतर ये आवाज़ उठने लगी है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल ही लोकसभा में पार्टी के नेता पद की ज़िम्मेदारी संभालें.

पार्टी के तमाम नेताओं ने राहुल से इस बात की वकालत की है. नेताओं का मानना है कि अब राहुल को फ्रंट से लीड करना चाहिए. ऐसे में अब गेंद राहुल के पाले में है कि वो खुद पद संभालते हैं या खड़गे को ही चलाने देते हैं या फिर सिंधिया को पद देते हैं. हालांकि कांग्रेस के नेताओं की पर्दे के पीछे की बातों पर यकीन करें तो सब राहुल से ज़िम्मा लेने की वकालत कर रहे हैं.

Advertisement
Advertisement