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वायनाड के विकास के लिए एक्शन में राहुल, 25 नेताओं के साथ तैयार करेंगे खाका

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड के समग्र विकास का खाका तैयार करने में जुट गए हैं. इसके लिए राहुल कांग्रेस और इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेताओं के साथ शुक्रवार को दिल्ली में बैठक करेंगे. बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस और आईयूएमएल के 25 नेताओं को आमंत्रित किया गया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत अमेठी सीट के साथ-साथ केरल की वायनाड सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन अमेठी में उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. जबकि वायनाड सीट से रिकॉर्ड मतों से जीतने में कामयाब रहे. यही वजह है कि राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के विकास को लेकर संजीदा हो गए हैं और विकास का खाका खींचने में जुट गए हैं.

राहुल ने वायनाड क्षेत्र के समग्र विकास का खाका तैयार करने में मदद के लिए कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के (आईयूएमएल) नेताओं के साथ शुक्रवार को दिल्ली में बैठक करेंगे. इसके लिए कांग्रेस और आईयूएमएल के 25 नेताओं को आमंत्रित किया गया है. कोझिकोड जिला कांग्रेस अध्यक्ष टी. सिद्दिक ने बताया कि राहुल गांधी ने इस बात का संकेत दिया है कि वह पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का क्रमबद्ध विकास चाहते हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा शुक्रवार को दिल्ली में बैठक के लिए जिन लोगों को बुलाया गया, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन, नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला, वायनाड, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों के कांग्रेस अध्यक्ष शामिल हैं. इसके अलावा केरल के चुनकर आए कई कांग्रेस सांसद को भी इस बैठक में बुलाया गया है.

दरअसल वायनाड को केरल के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार किया जाता है. पिछले साल आई बाढ़ में वायनाड काफी तबाह हो गया था. केरल के पश्चिमी घाट की पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा वायनाड धान की फसल, मसालों और बेहतरीन किस्म की कॉफी के लिए मशहूर है. इसके अलावा पर्यटन के लिए भी यह मशहूर है.

बाढ़ ने मचाई तबाही

एक दौर में वायनाड के किसान काफी खुशहाल माने जाते थे, लेकिन 2018 में आई भीषण बाढ़ ने उनकी कमर तोड़कर रख दी. यहां के किसान कर्ज और गरीबी से जूझ रहे हैं. बाढ़ ने किसानों के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को तगड़ा झटका दिया था, जिससे पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई. इससे वहां के लोगों को नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में राहुल गांधी के यहां से सांसद चुने जाने के बाद वायनाड के लोगों में विकास की नई उम्मीद जगी है.

केरल के वरिष्ठ पत्रकार हसनुल बन्ना ने aajtak.in से बातचीत करते हुए बताया कि वायनाड में सबसे बड़ी समस्या से किसान गुजर रहे हैं. इस इलाके में सिंचाई के लिए पानी की कमी है. फसल बेचने के लिए मंडियों की कमी है. लोन को लेकर कई समस्याएं हैं. इसके अलावा खेती के आधुनिक तरीकों की कमी के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में राहुल गांधी को इन समस्याओं से निजात दिलाने की दिशा में कदम उठाना होगा.

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हसनुल बन्ना कहते हैं कि वायनाड का इलाका कर्नाटक से जुड़ा हुआ है. यहां के लोगों को अभी अपनी फसल बेचने के लिए कर्नाटक के मैसूर की मंडियों तक जाना पड़ता है. कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. ऐसे में दोनों राज्यों की सरकारों के बीच तालमेल हो तो इन्हें सुविधा हो सकती है.

बन्ना कहते हैं कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने होंगे. केरल के शहरों की तुलना में वायनाड में बड़े हॉस्पिटल नहीं है. इसके चलते यहां के लोगों को अपने इलाज के लिए दूसरे इलाकों और जिलों में जाना पड़ता है. ऐसे में राहुल को स्वास्थ्य सेवा की दिशा में कदम उठाने होंगे.

वह कहते हैं कि राहुल को वायनाड में विकास को जमीन पर उतरने में बड़ी दिक्कतें आएंगीं. राज्य में वामपंथी सरकार है और केंद्र में बीजेपी की. ऐसे में राहुल को दोनों सरकारों से मदद मिलने की संभावनाएं कम ही है. इस कारण यहां के विकास के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.

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