गुजरात चुनाव में मणिशंकर अय्यर के घर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व सेनाध्यक्ष, पूर्व राजनयिकों के साथ पाकिस्तान के पूर्व राजनयिकों और पूर्व अधिकारियों की मीटिंग को साजिश बताने वाले पीएम मोदी के बयान पर हंगामा अब तक बरपा हुआ है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा. चुनावी जंग हारने के बाद कांग्रेस संसद में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगने की मांग कर रही है और संसद चलने नहीं दे रही.
'माफी मांगें या केस दर्ज करें'
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पीएम मोदी ने पूर्व पीएम पर इतना बड़ा इल्ज़ाम लगाया है, वो माफी मांगें. अगर वो माफी नहीं मांग सकते तो कम से कम इतना कह दें कि गुजरात चुनाव वो हार रहे थे, इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया था, अब जीतने के बाद मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. नहीं तो जो पीएम ने इल्जाम लगाए हैं उसको साबित करें, केस दर्ज करें, एक्शन लें.'
नायडू ने कहा सदन के बाहर का है मामला
इस पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने साफ किया कि ये बयान सदन के बाहर का है, इसलिए सदन में माफी का सवाल कहां से आ गया? इस पर हंगामे के बीच सदन फिर स्थगित हो गया.
'PM मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस'
बाद में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के कमरे में जाकर कांग्रेस नेता आजाद ने कहा, 'आप सदन के बाहर का बयान कहकर मामले को खारिज ना करें. प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व पीएम पर सवाल उठाए हैं, उनकी विश्वसनीयता पर संदेह किया है. जबकि, मनमोहन सिंह खुद राज्यसभा के सदस्य हैं, वो चाहें तो इस मुद्दे पर पीएम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस ला सकते हैं, लेकिन वो शरीफ आदमी हैं, पीएम और उनके पद का सम्मान करते हैं, इसलिए वो ऐसा नहीं करने जा रहे.' फिलहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर रस्साकशी जारी है, कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है.