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राफेल डील: प्रशांत भूषण CBI के और कांग्रेस CAG के पास पहुंची

राफेल विमान सौदे को लेकर जहां एक तरफ कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल दोबारा CAG पहुंचा, तो वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने भी जांच की मांग को लेकर सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई.

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राफेल विमान (फाइल फोटो)
राफेल विमान (फाइल फोटो)

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राफेल लड़ाकू विमान सौदे की जांच के लिए गुरुवार को प्रशांत भूषण, अरुण शौरी ने सीबीआई और कांग्रेस नेताओं ने कैग से मुलाकात की.

कांग्रेस पार्टी फ्रांस के साथ रक्षा सौदे के मामले में राफेल लड़ाकू विमान सौदे का ऑडिट कराए जाने के लिए दूसरी बार भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के पास पहुंची.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और आनंद शर्मा की अगुवाई में पार्टी प्रतिनिधियों ने CAG से मुलाकात की और मामले की फॉरेंसिक ऑडिट कराए जाने की अपनी मांग को लेकर दस्तावेज सौंपे.

CAG से मुलाकात के बाद आनंद शर्मा ने बताया कि पार्टी नई जानकारियों और राफेल सौदे के खुलासे के साथ सीएजी से मिली. उन्होंने दावा किया कि इस मामले में अभी और खुलासे होने वाले हैं.

कांग्रेस ने इससे पहले 19 सितंबर को इस बाबत CAG से मुलाकात की थी. मामले की जांच करवाने को लेकर कांग्रेस केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास भी गई थी और इस संबंध में एफआईआर दर्ज करवाया था. पार्टी ने सीवीसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'एकतरफा' सौदे की घोषणा से संबंधित दस्तावेज को जब्त करने की मांग की थी.

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अरुण शौरी और प्रशांत भूषण भी सीबीआई पहुंचे

इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी गुरुवार को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात की और राफेल लड़ाकू विमान सौदा से जुड़ी ऑफसेट निविदा में कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की. भूषण और शौरी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत विस्तृत शिकायत के साथ जांच की जरूरत के पक्ष में दस्तावेज सौंपे.

गौरतलब है कि राफेल विमानों के निर्माता दसॉ ने सौदे के ऑफसेट दायित्व को पूरा करने के तहत रिलायंस डिफेंस के साथ करार किया था. वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की दलील है कि दसॉ द्वारा ऑफसेट पार्टनर चुनने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. लेकिन सरकार की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस का नाम भारत की तरफ से आया था.

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