कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मायावती द्वारा लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट मामले में लगाये गये आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हमेशा सांप्रदायिक शक्तियों के हाथों खेलने वाली मायावती को नसीहत देने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बयान में कहा है कि निजी स्वार्थवश समय-समय पर सांप्रदायिक दलों से समझौता करने वाली मायावती किस मुंह से मुसलमानों की हितैषी होने का दावा कर रही हैं, जबकि इनका दोहरा चरित्र जगजाहिर हो चुका है. श्रीवास्तव ने कहा कि मायावती इन्हीं साम्प्रदायिक दलों से समझौता कर 3 बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनीं. गुजरात में नरेन्द्र मोदी का प्रचार करने गयीं.
उन्होंने कहा कि परमाणु करार पर संसद में विश्वास प्रस्ताव पर यह मजबूती के साथ भाजपा के पक्ष में खड़ी रही, जिसे पूरे देश ने देखा है. मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों के साथ समझौता कर निजी स्वार्थ साधने वाली मायावती नसीहत देना छोडकर पहले अपने गिरेबान में झांके, उसके बाद ही कांग्रेस पर दोषारोपण करें. कांग्रेस हमेशा सद्भावना बनाये रखने और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने वाली पार्टी रही है और रहेगी.