संसद के शीतकालीन सत्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के ममता बनर्जी के प्रयास की कांग्रेस ने सोमवार को यह कहकर खिल्ली उड़ाई कि 19 सांसदों वाली पार्टी जैसा प्रयास कर रही है, वैसा संसद के इतिहास में कभी नहीं हुआ है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'संसद के इतिहास में यह हास्यास्पद स्थिति है कि 19 सांसदों वाली पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रही है.'
गौरतलब है कि संसद के निचले सदन लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की मंजूरी के लिए कम से कम 50 सांसदों का समर्थन आवश्यक है.
तिवारी ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि ममता आत्मनिरीक्षण करेंगी और अपने फैसले पर गंभीरता से विचार करेंगी, क्योंकि तीन महीने पहले तक उनकी पार्टी इसी सरकार की हिस्सा थी और तृणमूल के मंत्री सरकार के हिस्सा थे.'
उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू होगा जिसमें मल्टी-ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने सितम्बर में संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.
तृणमूल ने कहा है कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. संसद में तृणमूल के पास पर्याप्त संख्या न होने के कारण पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अपने प्रतिद्वंद्वी वामदलों से भी समर्थन की अपील की है.