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रॉबर्ट वाड्रा ने महंगे पेट्रोल पर मोदी सरकार को घेरा, साइकिल पर हुए सवार

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि साइकिल चलाना फिटनेस विकल्प नहीं, बल्कि जरूरी माध्यम बनता जा रहा है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से रोजमर्रा की चीजें महंगी होती जा रही हैं.

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रॉबर्ट वाड्रा
रॉबर्ट वाड्रा

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पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों और रुपये में आ रही गिरावट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा ने मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है.

उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि साइकिल चलाना निश्चित रूप से फिटनेस का विकल्प नहीं है, लेकिन काम पर या अन्य जगह आने-जाने के लिए जरूरी माध्यम बनता जा रहा है. वर्तमान सरकार तेल की कीमतों को लगातार बढ़ा रही है. महंगे तेल का मतलब सब्जी और किराना के सामान की कीमतों में इजाफा.

इसके अलावा वाड्रा ने कहा कि रुपये में रिकॉर्ड गिरावट के चलते रोजमर्रा की वस्तुओं में रिकॉर्ड इजाफा हो रहा है. रुपये के कमजोर से होने से विदेश में काम करना, पढ़ाई करना और यात्रा करना कठिन हो रहा है. जो परिवार अपने बच्चों को बाहर पढ़ाई के लिए भेजना चाहते हैं, उनके लिए इसका खर्च उठाना संभव नहीं होगा. इसके अतिरिक्त बेहद जरूरी कंप्यूटर, स्मार्टफोन और कार भी महंगे हो रहे हैं. इंपोर्ट से जुड़ी इंडस्ट्री और व्यापार को काफी दिक्कतें हो रही हैं. इसका पूरा असर लोगों के रहन-सहन पर पड़ रहा है.

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रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, 'मेरा निवेदन यह है कि सभी पेट्रोल पंप में पेट्रोल और डीजल की बेस कीमत, सेंट्रल एक्साइज, स्टेट वैट और डीलर का कमीशन स्पष्ट तौर पर दर्शाया जाए. हम कस्टमर तेल पर राज्य द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स को लेकर जागरुक नहीं हैं. राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स के लिए जिम्मेदार होना चाहिए. लोगों को जानना चाहिए कि आखिर तेल पर राज्य सरकारें कितना वैट लगाती हैं. ज्यादातर कस्टमर इस बात को नहीं जानते हैं कि राज्य सरकारें उनसे पेट्रोल और डीजल पर कितने फीसदी वैट वसूलती हैं.'

हरियाणा के गुरुग्राम के खेड़की दौला में जमीन खरीद मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से रॉबर्ट वाड्रा लगातार बीजेपी पर हमलावर नजर आ रहे हैं. इससे पहले के एक फेसबुक पोस्ट में वाड्रा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था, 'राजनीति से ऊपर देश! मैं उस बीजेपी नेता की तारीफ करता हूं, जिसने ट्वीट में लिखा, 'बहुत अच्छा. सब कुछ बढ़ रहा है. जीडीपी, रुपये के मुकाबले डॉलर, बैंक एनपीए, पेट्रोल और डीजल के दाम. जबकि सच्चाई यह है कि रुपये की तुलना में डॉलर अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. पेट्रोल/डीजल और एलपीजी पहले की तुलना में ज्यादा महंगे हैं.'

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वाड्रा ने कहा था, 'बेरोजगारी और महंगाई में वृद्धि जारी है. किसानों की खुदकुशी भी बढ़ रही हैं. नोटबंदी ने देश की आर्थिकी का गला घोट दिया. अब यह बात क्षेत्रीय दल भी बोलने लगे हैं. नेता ही नहीं बल्कि अधिकांश जनता भी ऐसा महसूस करने लगी है. समय आ गया है कि हम खड़े हों. एकसुर में आवाज बुलंद करें. बड़े मुद्दे पर गौर करना जरूरी है. झूठी बातें फैलाकर लोगों को बड़े मुद्दों से भटकाने की जरूरत नहीं है.'

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