राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनावी रैलियों में किसानों की आत्महत्याओं का मामला गर्माने लगा है. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़ में 100 किलोमीटर की पदयात्रा कर पहुंचे और विशाल किसान सभा की.
कांग्रेस का आरोप है कि वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र बारां-झालावाड़ में एक साल में 18 किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. इन आत्महत्याओं की वजह किसानों के ऊपर कर्ज, फसलों की कीमत नहीं मिलना और सूखा रहा. लेकिन राजस्थान सरकार अपनी छवि बचाने के लिए इन किसानों की मौतों को आत्महत्या मानने के लिए तैयार नहीं है. और इनको कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट बारां के कृषि मंडी से 3 अक्टूबर को पदयात्रा शुरू की थी और 6 अक्टूबर को झालावाड़ में 100 किलोमीटर की यात्रा पूरी की.
अपनी इस पदयात्रा के दौरान पायलट रास्ते में गांव में ही सोते थे और बैलगाड़ियों पर सामान लेकर चल रहे थे. झालावाड़ में रैली के दौरान सचिन पायलट ने राज्य में किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर राज्यभर में प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है. पायलट की इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए.
इस मौके पर सचिन पायलट ने आत्महत्या करने वाले 18 किसानों की सूची भी जारी की और इनके परिवार वालों से मुलाकात भी की. सचिन पायलट के वसुंधरा राजे के गढ़ में पदयात्रा करने और रैली करने से बीजेपी में बेचैनी दिख रही है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी तीन दिन के लिए पायलट के लोकसभा चुनाव क्षेत्र अजमेर पहुंच गई हैं. उधर पायलट के आरोपों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि कांग्रेस किसानों की मौत पर राजनीति कर रही है, राजस्थान का किसान स्वाभिमानी होता है वह जान नहीं दे सकता.