कांग्रेस ने राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बीच चल रहे वाकयुद्ध पर अप्रसन्नता जाहिर की.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘चूंकि प्रधानमंत्री ने एक पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को इस मामले में जांच की जिम्मेवारी सौंपी है, सभी को संयम बरतना चाहिए. संवाददाताओं ने खेलों के आयोजन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कलमाडी और दीक्षित के बीच सर्वाजनिक रूप से चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बारे में उनसे कांग्रेस की प्रतिकिया जाननी चाही थी.
तिवारी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पूर्व सीएजी को जिम्मेदारी दी है लगता है हर व्यक्ति को संयम बरतने की जरूरत है. सभी लोग धय रखें और समिति को अपना काम करने दें.’ दीक्षित ने शनिवार को कहा था कि राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार का ‘संदेह’ सुरेश कलमाड़ी की अध्यक्षता वाली आयोजन समिति पर है. उन्होंने यह भी कहा कि आयोजन समिति की गतिविधियों में भ्रष्टाचार हो सकता है जिसके लिए केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये का ऋण दिया था.
इसके अगले दिन कलमाड़ी ने शीला दीक्षित के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के आयोजन समिति पर लगाये गये लांछन ‘काफी निराशाजनक और गैर जरूरी’ हैं और उन्हें अपने विभागों में मौजूद भ्रष्टाचार पर आत्ममंथन करना चाहिए. कलमाड़ी ने यह भी कहा कि चुप रहने का मतलब कमजोरी का संकेत नहीं माना जाना चाहिए और आयोजन समिति अब और ‘बलि का बकरा’ नहीं बनना चाहेगी.