कांग्रेस की उत्तर प्रदेश ईकाई ने रविवार को कहा कि अखिलेश सरकार एक बार फिर गरीबों को छलने की योजना बना रही है. शहरी गरीबों को मुफ्त आवास मुहैया कराने के लिए 'आसरा आवास योजना' योजना बनाई गई है. नये-नये लोकलुभावन घोषणाओं से प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार सिर्फ 'घोषणा सरकार' बनकर रह गई है.
उप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक अशोक सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार के गठन के 8 माह बीत चुके हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से किये गये तमाम वादे बस वादे ही बनकर रह गये हैं. सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया.
सिंह ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी नाम पर सिर्फ एक बैंक से लिये गये कर्ज को माफ किये जाने की घोषणा हुई है, लेकिन इसमें लगाई गई शर्तों से किसानों को ही शायद लाभ मिले. इसी प्रकार मुफ्त सिंचाई और बिजली का वादा किसानों के लिए दु:खदाई साबित हो रहा है. नहरों में पानी नहीं है और बिजली का आलम यह है कि गांवों में सिर्फ तार तो लटके हैं, लेकिन उनमें करंट हफ्तों में आता है. यही हाल नौजवानों को दिखाये गये लालीपाप 'बेरोजगारी भत्ता' और छात्रों को टैबलेट और लैपटाप बांटने की योजना का है.
सिंह ने कहा कि आये दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री नई घोषणाएं करते रहते हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं मुख्यमंत्री के परिवार के एक वरिष्ठ सदस्य को अपने ही दल के कार्यकर्ताओं का रोष दबाने के लिए सरकारी नौकरी देने की असंवैधानिक घोषणा करनी पड़ी है.
सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता सरकार की नीति और नीयत को पूरी तरह समझ चुकी है और किसानों, नौजवानों, छात्रों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों के साथ की गई वादाखिलाफी की कीमत लोकसभा चुनाव में चुकानी पड़ेगी.