राफेल डील के मुद्दे पर मोदी सरकार और कांग्रेस आमने-सामने है. पहले लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण में ज़ुबानी जंग हुई और उसके बाद अब पार्टी नेताओं ने मोर्चा संभाला है. सोमवार को पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी के साथ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने संसद को गुमराह किया है, ये विशेषाधिकार का हनन है. कांग्रेस इसको लेकर लोकसभा में नोटिस भी देगी.
आपको बता दें कि दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की बात कह चुकी है. बीजेपी का ये नोटिस लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के दफ्तर भी पहुंच गया है, हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला होना है.
उन्होंने कहा कि 19, मार्च 2018 को राज्यसभा में रक्षा राज्य मंत्री ने ये नहीं कहा कि कोई भी सीक्रेसी डील है, जिसके तहत वो कीमत नहीं बता सकते. पीएम और रक्षामंत्री ने देश को गुमराह किया है, अगर जरूरी होगा तो सांसद सदन में जरूरी कार्रवाई करेंगे.
पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि कई कंपनियों से बात के बाद दिसंबर, 2012 में राफेल को सिलेक्ट किया गया जिसमें पैसों का दाम तय किया गया था और 126 एयरक्राफ्ट लेने की बात की गई थी. मोदी सरकार ने जिस कंपनी को ये डील दी है उसके पास ना ही सादे एयरक्राफ्ट बनाने का अनुभव है और ना ही लड़ाकू एयरक्राफ्ट का. इसके कारण HAL के भी कई इंजीनियरों को अपनी नौकरी हाथ से गंवानी पड़ी.
LIVE: Special Congress Party briefing by former Defence Minister Shri A.K. Anthony and MP & @INCIndia's senior spokesperson Shri @AnandSharmaINC.#ChowkidarNahiBhagidar pic.twitter.com/6Q2j6ZrufY
— Congress Live (@INCIndiaLive) July 23, 2018
उन्होंने आरोप लगाया कि इस नई डील में किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर की बात नहीं हुई है. इसलिए अचानक दाम बढ़ने की बात समझ नहीं आती है. एंटनी ने कहा कि यूपीए सरकार की डील के अनुसार, 126 में से 18 एयरक्राफ्ट ही फ्रांस में बनने थे बाकी सभी HAL के द्वारा भारत में बनने थे. उन्होंने कहा कि जब किसी तरह की सीक्रेट डील हुई ही नहीं तो फिर सरकार दाम क्यों नहीं बता रही है.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार को संसद के अंदर इस मामले पर सफाई देनी चाहिए. पीएम ने कैबिनेट की सुरक्षा समिति से सलाह लिए बिना राफेल डील ही बदल दी. प्रधानमंत्री को फ्रांस से लौटने के बाद इस डील के बारे में बताना चाहिए था.
आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि फ्रांस ने बिल्कुल ही ऐसे ही एयरक्राफ्ट मिस्त्र और कतार को कम दाम में बेचे हैं, तो फिर भारत के समय पर दाम अधिक कैसो हो गए. उन्होंने कहा कि नवंबर, 2016 में रक्षामंत्री ने एयरक्राफ्ट के दाम बताए थे तो फिर अब क्यों नहीं इसके बारे में बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को राफेल डील के मुद्दे पर निशाने पर लिया था. राहुल के निशाने पर सीधे तौर पर रक्षामंत्री और प्रधानमंत्री थे. हालांकि, बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में राहुल के आरोपों को नकार दिया.