scorecardresearch
 

लाभ के पद के विवाद में सोनिया और जया बच्चन को भी गंवानी पड़ी थी अपनी सदस्यता

आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को लाभ के पद के आरोप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. इससे पहले यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी और जया बच्चन को भी अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ी थी.

Advertisement
X
सोनिया गांधी और जया बच्चन
सोनिया गांधी और जया बच्चन

Advertisement

आम आदमी पार्टी (AAP) के 20 विधायकों को लाभ के पद के आरोप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. हालांकि देश में यह पहली बार नहीं है, जब लाभ के पद पर काबिज होने की वजह से विधायिका (संसद या विधानमंडल) के किसी सदस्य को अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ रही हो. इससे पहले यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी और जया बच्चन को भी अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ी थी.

साल 2006 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लोकसभा की सदस्य रहने के दौरान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (NAC) की चेयरमैन पद पर काबिज होने पर विवाद हो गया था. विपक्ष ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के चेयमैन पद को लाभ का पद बताते हुए जमकर हंगामा किया था और सोनिया गांधी के इस्तीफे की मांग की थी. हालांकि विवाद बढ़ने पर सोनिया गांधी ने नैतिकता के आधार पर खुद ही लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

Advertisement

इसके अलावा लाभ के पद पर काबिज होने की वजह से जया बच्चन को भी राज्यसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी थी. चुनाव आयोग की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने जया बच्चन को राज्यसभा की सदस्यता के अयोग्य करार दे दिया था. दरअसल, जया बच्चन समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा सदस्य होने के साथ ही उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद की चेयरपर्सन थी.

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के चेयरपर्सन के पद को लाभ का पद माना था और उनकी राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की थी. इसके बाद अभिनेत्री जया बच्चन को राज्यसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ी थी. अब एक बार फिर से लाभ के पद पर काबिज होने की वजह से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है. दिल्ली विधानसभा के सदस्य रहने के दौरान लाभ के पद पर काबिज होने को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है.

वहीं, AAP ने अपने विधायकों के अयोग्य ठहराने को लेकर चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है. पार्टी का कहना है कि बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव आयोग यह कदम उठा रहे हैं. AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं है. हमारे विधायकों ने सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला और तनख्वाह का फायदा नहीं लिया है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इस मामले में हमारी बात नहीं सुनी है, किसी को भी विधायक को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया. भारद्वाज ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने गुजरात में पीएम मोदी के अंडर में काम किया है. अब वे पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं. 23 जनवरी को उनका जन्मदिन है और सोमवार को रिटायर हो रहे हैं. इसलिए जाने से पहले सभी काम को निपटाना चाहते हैं.

Advertisement
Advertisement