प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में सेना के अधिकारियों के लिए वन रैंक वन पेंशन की बात की. अपने चुनावी वादे को दोहराते हुए पीएम ने कहा कि उनकी सरकार 40 वर्षों से उलझी इस स्कीम के लिए प्रतिबद्ध है. जबकि इस ताजा बयान के बाद प्रधानमंत्री विपक्ष के सीधे निशाने पर आ गए हैं. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और माफी की मांग की है.
कांग्रेस कहना है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी बीजेपी के चुनावी वादे को नजरअंदाज करते रहे हैं, लेकिन रेडियो के जरिए 'वन रैंक वन पेंशन' योजना का राग अलाप रहे हैं. पार्टी ने यह कहने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की कि पूर्व सैनिकों की मांग से जुड़ा यह मामला एक पेचीदा मुद्दा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा, 'दुर्भाग्यवश, उन्होंने इनमें से एक भी मुद्दे को नहीं छुआ बल्कि इसके बजाय उन्होंने समस्याओं को बढ़ा दिया और यह कहकर पूरे मुद्दे को उलझा दिया कि वन रैंक, वन पेंशन एक बहुत ही जटिल मुद्दा है.'
‘मन की बात’ कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अजय माकन ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि एक साल गुजर जाने के बाद अपनी पूर्व की एक मांग के बारे में पीएम देश को बताया कि इसमें जटिलताएं हैं. माकन ने कहा, 'इस योजना को यूपीए सरकार ने लागू किया था और इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए थे. देशवासी यह उम्मीद कर रहे थे कि एनडीए सरकार के एक वर्ष पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में चुनावी वादों को पूरा करने के बारे में बताएंगे.'
सभी मोर्चे पर फेल है सरकार
कांग्रेस का कहना है मोदी सरकार एक साल में अपने सभी मोर्चे पर फेल हो गई है. 365 दिनों में ही सरकार बेनकाब हो गई है.
तारीख घोषित करें प्रधानमंत्री
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की तारीख घोषित करनी चाहिए. अमृतसर से लोकसभा सांसद ने कहा, 'प्रधानमंत्री को अस्पष्ट आश्वासन देने के बजाए ओआरओपी लागू करने की तारीख घोषित करनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने रेडियो पर पूर्व सैनिकों से धर्य रखने की बात कही है, जबकि उनका धर्य खत्म होता जा रहा है और इसके लिए पीएम जिम्मेदार हैं.
क्या कहा पीएम मोदी ने
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 'मन की बात ' कार्यक्रम में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, 'आपने इस विषय पर 40 वर्षों तक धर्य रखा, मुझे इसे सुलझाने के लिए कुछ समय दें. आप मुझपर भरोसा रखिए, बाकी जिनको बातें उछालनी होंगी, विवाद करने होंगे, अपनी राजनीति करनी होगी, उनको मुबारक. मुझे देश के लिए जीने मरने वालों के लिए, जो कर सकता हूं, वह करना है. ये ही मेरे इरादे हैं और मुझे विश्वास है कि मेरे मन की बात जिसमें सिवाय सच्चाई के कुछ नहीं है, आपके दिलों तक पहुंचेगी.'
मामले में विपक्ष खासकर कांग्रेस की आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा, 'मेरे लिए आपके जीवन के साथ जुड़ना, आपकी चिंता करना. यह न कोई सरकारी कार्यक्रम है, न ही कोई राजनीतिक कार्यक्रम है. यह मेरी राष्ट्रभक्ति का ही प्रकटीकरण है. मैं फिर एक बार मेरे देश के सभी सेना के जवानों को आग्रह करूंगा कि राजनीतिक रोटी सेंकने वाले लोग चालीस साल तक आपके साथ खेल खेलते रहे हैं. मुझे वो मार्ग मंजूर नहीं है और न ही मैं कोई ऐसा कदम उठाना चाहता हूं, जो समस्याओं को जटिल बना दे.'