दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाए जाने का विरोध कर रही कांग्रेस की दिल्ली इकाई बुधवार से Stop Politics Save Metro नाम से अभियान चलाने जा रही है.
प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आप आदमी पार्टी की सरकार और बीजेपी की केंद्र सरकार के बीच मेट्रो किराए में बढ़ोतरी को लेकर चल रही लड़ाई ने दिल्ली में मेट्रो के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया है. माकन ने चिंता जताई कि जिस तरीके से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार मेट्रो के मसले पर सड़कछाप राजनीति कर रही है, उससे जापान के सामने देश की छवि खराब हुई है.
माकन ने कहा कि आपसी खींचतान के चलते जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन मेट्रो प्रोजेक्ट्स से अपना हाथ खींच सकता है. आपको बता दें कि यही एजेंसी दिल्ली में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए लोन देती है.
माकन ने कहा कि उन्होंने 8 मई को ही ट्वीट कर चेताया था कि मेट्रो का किराया बढ़ने वाला है, लेकिन उनकी बातों को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर मेट्रो किराया वृद्धि पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब मेट्रो फेयर फिक्सेशन कमेटी में दिल्ली सरकार के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा मौजूद थे, तो फिर उन्होंने फेयर फिक्शेसन कमेटी की बैठक में किराया बढ़ोतरी के निर्णय के खिलाफ आवाज क्यों नही उठाई.
माकन ने कहा, "जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब 10 साल में सिर्फ दो बार मेट्रो का किराया बढ़ाया गया था, जबकि बीजेपी की केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने एक साल में ही दो बार मेट्रो का किराया बढ़ा दिया है. 2002 में जब मेट्रो चलनी शुरू हुई थी, तब न्यूनतम किराया 4 रुपये और अधिकतम किराया 8 रुपये था. इसके बाद नवंबर 2009 में न्यूनतम किराया बढ़ाकर 8 रुपये और अधिकतम किराया 30 रुपये कर दिया गया था. इसी साल मई में मेट्रो का किराया बढ़ाकर न्यूनतम 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये फिक्स किया गया, लेकिन पांच महीने में ही दूसरी बार मेट्रो का किराया बढ़ा दिया गया है, जिसके तहत अधिकतम किराया 50 रुपये से बढ़कर 60 रुपये हो गया है. यह दिल्ली की जनता के साथ अन्याय है."
माकन ने मेट्रो के चौथे चरण को लेकर भी आशंका जाहिर की है कि चौथे चरम का मेट्रो प्रोजेक्ट शायद ही सिरे चढ़ पाए, क्योंकि केंद्र सरकार ने 16 अगस्त को नई मेट्रो पॉलिसी 2017 लागू कर दी है. नई पॉलिसी में कई नई औपचारिकताएं डाल दी गई हैं, जो समय लेने वाली हैं और जिसके कारण चौथे चरण के मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा होने में और देरी होगी.