केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कांग्रेस पर आतंकवाद का इस्तेमाल वोट बैंक की राजनीति के लिए करने का आरोप लगाया. उन्होंने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु पर बयान देने के लिए कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की आलोचना की.
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता
नायडू ने पूछा कि क्या अफजल गुरु का कोई धर्म है? आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. वह आतंकवादी है. आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है. उसकी कोई भाषा नहीं होती और न कोई धर्म नहीं होता. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से अल्पसंख्यकों को वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है. कांग्रेस आतंकवाद का इस्तेमाल भी वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है.
राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करती रही कांग्रेस
नायडू ने कांग्रेस को निशाना बनाने के लिए इशरत जहां और बाटला हाउस मुठभेड़ जैसे विवादों का भी जिक्र किया. उन्होंने पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के बयान का भी हवाला दिया कि इशरत जहां मामले के हलफनामे में विवादास्पद बदलाव राजनीतिक स्तर पर किया गया था. नायडू ने कहा कि ये खुलासे यूपीए और कांग्रेस की गंदी राजनीति को साफ तौर पर दिखाता है कि अपने विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक बदले के लिए वे राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता करने को तैयार हैं.
यूपीए ने तोड़ा था सीबीआई और आईबी का मनोबल
उन्होंने कहा कि मुंबई विस्फोट मामले के आरोपी डेविड हेडली ने पुष्टि कर दी कि इशरत जहां आतंकवादी थी. लश्कर ए तैयबा की वेबसाइट पर भी उसकी मौत पर मातम मनाया गया था. केंद्र की तरफ से पहले के एक हलफनामे में भी उसे आतंकवादी बताया गया था. इसके बाद के हलफनामे बदल दिए गए. उन्होंने कहा कि यूपीए और कांग्रेस ने सीबीआई, आईबी का मनोबल तोड़ा.
अल्पसंख्यकों का अपमान कर रही है कांग्रेस
नायडू ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने 2012 में कहा था कि बाटला हाउस मुठभेड़ को लेकर सोनिया गांधी काफी दुखी थीं. बाटला हाउस मुठभेड़ के चार सालों बाद कांग्रेस ने इसका चुनावी का लाभ लेना चाहा. उन्होंने कहा कि उसका इस्तेमाल सहानुभूति में करना अल्पसंख्यकों का अपमान है. अल्पसंख्यकों का उस मुठभेड़ या आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है.
कांग्रेस के सुप्रीम कोर्ट बन रहे हैं पी चिदंबरम
उन्होंने कहा कि अब बारी पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की है. उन्होंने कहा कि उस वक्त शासन में रहे पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के सबसे प्रतिभावान व्यक्ति समझे जाने वाले चिदंबरम को अफजल गुरु की फांसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खोट नजर आने लगी. वह मशहूर वकील हैं. इसलिए अफजल गुरु की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खोट ढूंढ लिया. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री ने कह दिया कि शायद अफजल गुरु की फांसी एक सही फैसला नहीं था. नायडू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में चिदंबरम की अगुवाई में एक अलग सुप्रीम कोर्ट है जो कहता है कि अफजल गुरु की फांसी एक सही फैसला नहीं था.
जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के साथ कौन
जेएनयू में लगे कथित तौर पर देशविरोधी नारों का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि वे कहते हैं कि अफजल गुरु के साथ न्याय नहीं हुआ, जैसे वह उनका गुरू हो. वे ऐसे लोगों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं जो मकबूल भट्ट जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हैं. कोई व्यक्ति ऐसे लोगों के साथ एकजुटता कैसे दिखा सकता है. अब यही बड़ा सवाल है.