दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में लगा मंच एक अलग ही तस्वीर पेश कर रहा था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले कई अहम मौकों पर अघोषित राजनैतिक संन्यास पर जा चुकी हैं यही वजह कि राहुल के हाथों में कांग्रेस की कमान है और परदे के पीछे से प्रियंका पूरी तरह सक्रिय हैं. सोनिया के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल अब प्रियंका के साथ मिलकर राहुल को बैक कर रहे हैं.
यह मंच मोदी सरकार के ढाई साल पूरे होने पर उनपर निशाना साधने के लिए था, कार्यक्रम की अध्यक्षता राहुल गांधी खुद कर रहे थे जो यह दर्शा रहा था कि कांग्रेस का वर्तमान और भविष्य अब वहीं हैं. राहुल गांधी तो सम्मेलन में बोले ही, मंच भी बहुत कुछ कह रहा था। लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि और इंदिरा की 100वीं जयंती के साल के कारण मंच पर सिर्फ दो बड़े नेताओं की तस्वीर को जगह दी गई, इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री.
जानिए क्या हैं इस मंच के मायने:
1. राहुल को गरीब, किसान और नौजवानों पर फोकस करना था.
2. इंदिरा का नारा था गरीबी हटाओ और इंदिरा ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि मैं गरीबी हटाना चाहती हूं और वो इंदिरा को हटाना चाहते हैं.
3. लाल बहादुर शास्त्री का नारा था- जय जवान, जय किसान. अब खुद कांग्रेस मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहती है कि मोदी जी का नारा है- मर जवान मर किसान.
4. हमेशा सिर्फ गांधी और नेहरू गांधी परिवार की तस्वीरों का बोलबाला होता था, उसको बदलते हुए इतिहास के पन्नों से लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा को जगह दी गयी और वहीं भविष्य के नेता के तौर राहुल को पेश कर दिया गया
5. राहुल कार्यक्रम में फोकस में रहें, इसलिए सोनिया तो नदारद रहीं हीं साथ ही उनकी तस्वीर भी मंच से गायब थी. अमूमन अहम कार्यक्रमों में राहुल का भाषण सुनने के लिए चुपचाप वेन्यू में छिपकर सुनने आने वाली प्रियंका भी कार्यक्रम से पूरी तरह दूर रहीं, जबकि एक रात पहले वेन्यू में आकर प्रियंका ने तैयारियों का जायज़ा लिया था.