उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं बसपा प्रमुख मायावती ने खुलासा किया कि वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उनके समक्ष प्रस्ताव किया था कि यदि बसपा उसके साथ चुनावी तालमेल कर ले तो सत्ता में आने पर उनके विरुद्ध लम्बित ताज कारीडोर और आय से अधिक सम्पत्ति होने के मामले वापस ले लेगी.
उनके विरुद्ध लम्बित दोनो मामलो को तब केन्द्र में सत्तारुढ रही भाजपा की साजिश करार देते हुए मायावती ने कहा कि एक तरफ भाजपा ने ऐसा करके उनपर दबाव बनाना चाहा था कि बसपा उत्तर प्रदेश की 80 में से 60 सीटे उसे दे दे, वही कांग्रेस की तरफ से प्रस्ताव आया था कि यदि बसपा उसके साथ चुनावी तालमेल कर ले तो सत्ता में आने पर दोनो मामले वापस ले लिये जायेंगे.
उन्होंने आज यहां पार्टी के सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के सम्मलेन को संबोधित करते हुए यह खुलासा किया.
मायावती ने जोर देकर कहा कि उन्होंने बसपा आंदोलन को हमेशा अपने निजी हितो से उपर रखा है और अंतिम सांस तक इन मामलो को लेकर अदालती लड़ाई लड़ी जायेगी. वे इस मामले को जनता की अदालत में भी ले जायेगी.
यह आरोप लगाते हुए कि केन्द्र में सत्तारुढ हर सरकार सीबीआई और अन्य सरकारी मशीनरियों का दुरुपयोग करती रही है, मायावती ने कहा कि वे केन्द्र सरकार की साजिश के विरुद्ध अदालत में जीजान से लडेंगी.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें अदालत से और सीबीआई से न्याय नही मिलता तो हम जनता की अदालत में जायेगे जहां मुझे भरोसा है कि हमे वोटो के रुप में न्याय मिलेगा. ’
मायावती ने कांग्रेस को खास तौर निशाने पर रखा और आरोप लगाया कि 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा को पूर्ण बहुमत मिल जाने के बाद से ही इसने (कांग्रेस) हमारी सरकार के साथ सौतेला व्यवहार करना शुरु कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘यह जानकर कि सारा का सारा दलित वोट बैंक कांग्रेस से किनारा करके बसपा से जुड़ गया है, कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी एक साजिश के तहत कभी दलितो के घर रात्रि विश्राम तो कभी भोजन और कभी प्रशासन को सूचित किये बिना रेल यात्रा का नाटक कर रहे है तथा उसे मीडिया में प्रचारित कराया जा रहा है.’
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष पीएल पुनिया की आलोचना करते हुए मायावती ने कहा कि पहले तो कांग्रेस ने ताज कारीडोर मामले में उन्हें (मायावती) को फंसाने के लिए उन्हें बरी किया और बाद में करोड़ो रुपये खर्च करके उसे लोकसभा का चुनाव जितवाया.
उन्होंने आरोप लगाया कि अब पुनिया कांग्रेसी साजिश के तहत प्रदेश मे आयोग की सीमा मे आने वाले कार्यक्रमो की समीक्षा के लिए प्रदेश में दौरे करके अधिकारियो को बेमतलब उलझाये रखने का काम करेंगे.
मायावती ने व्यंग्यात्मक लहजे में सलाह देते हुए कहा कि अच्छा होगा कि कांग्रेस नाटकबाजी छोड़कर गरीबो और दलितो के लिए कुछ ठोस काम करें.{mospagebreak}
पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस और भाजपा की साजिश से सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि उनकी साजिश में वही आयेगा जो गद्दार होगा और गद्दारो से जनता घृणा करती है.
बसपा मुखिया ने पार्टी पदाधिकारियों को मीडिया से बचकर रहने की सलाह देते हुए आगाह किया कि चुनावों से पहले पार्टी को बदनाम करने के लिए ‘स्टिंग आपरेशन’ जैसी चाले चली जा सकती हैं. यह हिदायत देते हुए कि पार्टी की सदस्यता देते समय गहन जांच पड़ताल कर ली जाय ताकि कोई गुंडा माफिया पार्टी में भर्ती न हो पाये, मायावती ने पदाधिकारियों से पार्टी में ऐसे लोगो को चिन्हित करने को भी कहा ताकि उन्हें पार्टी से निकाला जा सके.
मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से बेवजह अधिकारियों से झगड़ा आदि न करने की सलाह देते हुए कहा कि इससे चुनावों में पार्टी को नुकसान हो सकता है.
पार्टी सरकार की उपलब्धियों का गांव-गांव तक प्रचार करने के निर्देश देते हुए मायावती ने कहा कि वे प्रदेश के सभी 72 जिलों के दौरे करेंगी और विकास कार्यो की जानकारी के लिए औचक निरीक्षण भी करेंगी.
प्रदेश में जिला और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के चुनाव के लिए आवश्यक निर्देश जारी करते हुए, मायावती ने पदाधिकारियों को 20 नवम्बर से कार्यकर्ता शिविर आयोजित करने और उसके बाद महंगाई तथा केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध धरना प्रदर्शन की तैयारी में जुट जाने के भी निर्देश दिये.