कांग्रेस पीएम कैंडिडेट के नाम का चुनाव के पहले ऐलान नहीं करेगी. मगर काडर में कोई शुबहा न रहे, इसलिए यह भी तय हो चुका है कि राहुल गांधी चुनावी अभियान के मुखिया होंगे. इस बारे में कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन पार्टी नेता जनार्दन द्विवेदी ने जानकारी दी.
संकेत साफ हैं कि पार्टी पीएम के मुद्दे पर बीजेपी के नरेंद्र मोदी से सीधे मुकाबले से बच रही है. कांग्रेस का तर्क है कि पीएम कैंडिडेट के नाम के ऐलान की कांग्रेस में कोई परंपरा नेहरू काल से अब तक नहीं रही है और आगे भी ऐसा नहीं होगा. जब कार्यसमिति में सभी सदस्य एक स्वर में राहुल गांधी को बतौर पीएम कैंडिडेट पेश करने की बात करने लगे, तो पहले राहुल बोले कि मैं पार्टी की विचारधारा बचाने के लिए संकल्पवान हूं और जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाऊंगा.
फिर आया पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का वीटो. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पहले से पीएम बताने की परंपरा न रही है, न आगे ऐसा होना चाहिए.
बहरहाल, चुनावी व्याख्याएं तो होती ही रहेंगी, फिलहाल आप पढ़िए, बैठक के बाद क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता ने. उन्हीं के शब्दों में...
'इसमें अगले दो दिन कार्यवाही होनी होती है. सारे प्रस्ताव पेश किए जाते हैं और उनको कार्यसमिति स्वीकार करती है, उसके बाद ही वो पेश होते हैं. इसमें एआईसीसी की मीटिंग की प्रोसीडिंग होती है, एजेंडा होता है, शोक प्रस्ताव होता है, प्रस्ताव पास होने होते हैं, उनका ड्राफ्ट डिस्कस होता है, उसी के लिए बैठक बुलाई गई थी.
इस दौरान सारे प्रस्तावों पर चर्चा हुई. आप जानते हैं. कुल मिलाकर तीन बड़े प्रस्ताव होते थे राजनीतिक आर्थिक और विदेशी मामलों से संबंधित, पिछली बार हमने तय किया कि एक दिन में तीनों प्रस्तावों पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो पाती. सबको मिलाकर एक बड़ा प्रस्ताव तैयार किया गया था, उस पर चर्चा हुई. इस दौरान सारे आमंत्रित सदस्य उपस्थित थे, 16 सदस्यों और कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपनी बात रखी. प्रस्ताव के बारे में विस्तार से नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे कल पेश होंगे, तब तक सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं कर सकते.'
राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ेगी कांग्रेस
जर्नादन द्विवेदी ने राहुल गांधी के नाम पर चर्चा के बारे में कहा, 'राहुल जी के बारे में चर्चा हुई. राहुल जी खुद ही बोले. कार्यसमिति के सभी सदस्य वहीं चाहते थे कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए. लेकिन ये जब चर्चा काफी सीमा तक हो चुकी थी तब कांग्रेस अध्यक्ष ने बीच में दखल दिया. उन्होंने ये कहा कि कांग्रेस की ऐसी कोई परंपरा नहीं है. अगर किसी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है तो जरूरी नहीं कि हम भी ऐसा करें.
बहरहाल, सारी चर्चा के बाद सम्मति बनी कि अगला चुनाव अभियान राहुल गांधी के नेतृत्व में होगा. भविष्य का नेतृत्व उन्हीं के पास है. सरकार की अलग से चर्चा क्या करनी. कल कांग्रेस अधिवेशन में प्रस्ताव आएगा तो चर्चा होगी.'