कांग्रेस में इन दिनों ट्विटर पर फॉलो-अनफॉलो करने का चक्कर लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. क्या नेता, क्या कार्यकर्ता और क्या पत्रकार सभी के बीच चर्चा इसी बात की है कि, ट्विटर की इस सियासत में कितना सच है. सबसे पहले कांग्रेस में रहते हुए गुजरात के नेता शंकर सिंह वाघेला ने राहुल गांधी को ट्विटर पर अनफॉलो किया, तब से ही संकेत मिला कि, अब वाघेला कांग्रेस से दूर जा रहे हैं. बाद में ऐसा हुआ भी.
इसके बाद नाम आया पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम का, जो ट्विटर पर सिर्फ पांच लोगों को फॉलो करते थे, खास बात ये थी कि, उसमें राहुल गांधी शामिल नहीं थे, जबकि, उल्टे राहुल गांधी खुद चिदम्बरम को फॉलो करते रहे हैं. हालांकि, चर्चा तेज़ होने पर चिदम्बरम ने हाल ही में राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया. चिदम्बरम की तरफ से सफाई भी आई कि, वो खुद अपना ट्विटर हैंडल नहीं चलाते, इसलिए फॉलो और अनफॉलो करने का सवाल नहीं.
अब इसी बीच ताजा मामला आया पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का. अचानक सिब्बल के ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी को अनफॉलो कर दिया. वाघेला के विवाद के बाद कांग्रेस के गलियारों में हड़कंप मच गया. कांग्रेस का सोशल मीडिया विभाग परेशान हो गया कि, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर का क्या जवाब दे. आखिरकार इस मुद्दे पर सिब्बल से जब चर्चा की गई तो सिब्बल ने कहा कि, आखिर वो ऐसा क्यों करेंगे. इसके बाद सिब्बल ने अपने स्टाफ से बातचीत करके बताया कि, उनका स्टाफ आई पैड ठीक कराने गया था, उसी में गलती से ऐसा हुआ, राहुल के साथ ही कई और लोग धोखे से अनफॉलो हो गए. इसके बाद जाकर पार्टी के नेताओं और सोशल मीडिया की जान में जान आयी. फिर सिब्बल ने फौरन ऑफिस ऑफ आरजी यानी राहुल को दोबारा फॉलो कर लिया. वैसे दिलचस्प है कि, सिब्बल का मामला उठने के बाद ही चिदम्बरम ने राहुल को फॉलो करना शुरू किया है.
लेकिन ट्विटर की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. हाल में कांग्रेसी नेताओं पर सल्तनत जाने के बाद भी सुल्तान की तरह व्यवहार करने की तोहमत जड़ने वाले जयराम रमेश के नाम का ट्विटर हैंडल अब चर्चा का विषय है. राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जयराम रमेश के नाम का ट्विटर एकाउंट सिर्फ चार लोगों को ट्विटर पर फॉलो करता है, जिसमें राहुल गांधी नहीं हैं. इस पर दबी जुबान से कांग्रेसियों का कहना है कि, जो अपने नेता को फॉलो नहीं करने की हैसियत रखे, असल में तो वही सुल्तान है.
लेकिन आजतक ने इस बारे में जब जयराम रमेश से आजतक ने पूछा तो उन्होंने साफ जवाब दिया कि, वो ट्विटर पर नहीं हैं, उनका कोई ट्विटर एकाउंट नहीं है, न वो ट्वीट कर सकते हैं और न ही रिट्वीट. साथ ही जयराम ने कहा कि, आगे भी उनका ट्विटर पर आने का कोई इरादा नहीं है. दरअसल, जयराम रमेश के नाम से चल रहा ट्विटर एकाउंट वेरीफाइड नहीं है, लेकिन जयराम विरोधियों ने इसे ही जयराम से चुटकी लेने का हथियार बना लिया. कुल मिलाकर कांग्रेस की दिलचस्प ट्विटर गाथा फिलहाल जारी है.