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भीषण आग के खतरे में ‘दिल्‍ली का दिल’ कनॉट प्‍लेस

रविवार की दोपहर थी और अग्निशमन कर्मचारी आग बुझाने की जल्‍दबाजी में थे, लेकिन कोई उनका रास्‍ता रोक रहा था. जीं हां बात दिल्‍ली के दिल माने जाने वाले कनॉट प्‍लेस की है, जहां रविवार दोपहर एक दवा की दुकान में आग लग गई. दमकल कर्मचारियों को बुलाया गया तो वहां अवैध तरीके से पार्क की गई कारों और जेनरेटरों ने उनका रास्‍ता रोक दिया, जिस कारण उन्‍हें अपना रास्‍ता ही बदलना पड़ गया.

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रविवार की दोपहर थी और अग्निशमन कर्मचारी आग बुझाने की जल्‍दबाजी में थे, लेकिन कोई उनका रास्‍ता रोक रहा था. जीं हां बात दिल्‍ली के दिल माने जाने वाले कनॉट प्‍लेस की है, जहां रविवार दोपहर को एक दवा की दुकान में आग लग गई. दमकल कर्मचारियों को बुलाया गया तो वहां अवैध तरीके से पार्क की गई कारों और जेनरेटरों ने उनका रास्‍ता रोक दिया, जिस कारण उन्‍हें अपना रास्‍ता ही बदलना पड़ गया.

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सड़क पर इस तरह के अवैध कब्‍जे की वजह से दमकल कर्मियों को लंबा रास्‍ता तय करना पड़ा, जिस कारण आग बुझाने में देरी हुई और कैमिस्‍ट को नुकसान भी ज्‍यादा हुआ. यह तो ऊपर वाले की ही कृपा रही कि आग आसपास की दूसरी दुकानों में नहीं फैली. लेकिन हालात कभी भी दमकल कर्मियों के हाथ से फिसल सकते थे. मेल टुडे के एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि कैसे ऑटोमोबाइल वर्कशॉप, वेल्‍डर, कबाड़ी, कई छोटी-मोटी दुकानें और अवैध तरीके से पार्क की गई कारों ने पॉश मार्केट की जगह हड़प ली है और उसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसा कि रविवार को एक हो चुका है.

आमतौर पर निगम के अधिकारी इस तरह से सरकारी जमीन पर अवैध कब्‍जे की तरफ आंख मूंदे रहते हैं. अवैध कब्‍जे के मामले को कुछ ही महीने पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्‍त भूरे लाल कमेटी ने एनडीएमसी के समक्ष रखा है. इस कमेटी ने नगर निकाय को कनॉट प्‍लेस में अवैध कब्‍जे पर एक रिपोर्ट बनाने और उन्‍हें हटाने का एक एक्‍शन प्‍लान बनाने का निर्देश दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्‍त कमेटी के चेयरमैन भूरे लाल कहते हैं, ‘हमने एनडीएमसी को कुछ ही महीने पहले अपनी रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उनसे अवैध पार्किंग और कब्‍जे को हटाने के लिए कहा गया है. अगर अवैध पार्किंग से कारें नहीं हटाईं गई और उनके कारण मार्केट में सड़क अवरुद्ध होती रही तो हम इसमें कड़ा फैसला लेंगे. इसी के साथ हम एनडीएमसी की प्रगति की रिपोर्ट भी देखेंगे कि कितने अवैध कब्‍जों को अब तक हटाया गया है.’

एनडीएमसी के एक प्रवक्‍ता के अनुसार, ‘सरकारी जमीन पर अवैध कब्‍जा किसी भी सूरत में स्‍वीकार्य नहीं होगा. जब भी हमें इसके बारे में कोई शिकायत मिलेगी, हम उसका निरीक्षण करेंगे और जरूरत पड़ी तो एक्‍शन भी लेंगे.’ अधिकारियों ने बताया कि कनॉट प्‍लेस के ए और जी ब्‍लॉक में 27 अवैध कब्‍जों की पहचान की गई है. यहां छप्‍पर बढ़ाना, एयरकंडीशनिंग युनिट व स्‍टोर रूम की तरह इस्‍तेमाल हो रही उसके साथ लगे बॉक्‍स जैसी चीजों के लिए अवैध कब्‍जा किया गया है. निरीक्षण के बाद पिछले साल अक्‍टूबर में ऐसे अवैध कब्‍जों के लिए नोटिस जारी किया गया था, जिनमें से सिर्फ 11 ने पालन किया है. यहां तक कि एनडीएमसी अधिकारियों ने छोटी-मोटी तोड़फोड भी की थी, लेकिन कनॉट प्‍लेस को अभी भी अवैध कब्‍जे से मुक्ति नहीं मिली है.

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बड़े एनडीएमसी अधिकारी भी मानते हैं कि कनॉट प्‍लेस में अवैध कब्‍जे को हटाना आसान नहीं है. जिन दुकानदारों के वहां नोटिस भेजे गए थे उनमें से कुछ का कहना है कि उनकी विवादित प्रॉपर्टी 50 साल से ज्‍यादा पुरानी है, जिसका एनडीएमसी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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