मंगलवार से शुरू होने वाले हंगामेदार मानसून सत्र के बीच में सरकार के लिए एक अच्छी खबर आई है. भूमि अधिग्रहण बिल भले ही अटक गया हो लेकिन गुडस एंड सर्विसेंज (GST) बिल के पास होने की संभावना बढ़ गई है.
सोमवार को सेलेक्ट कमिटी की अंतिम बैठक
शुक्रवार को इस बिल को लेकर हुई राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी में कांग्रेस को छोडकर बाकी सभी पार्टियों में बिल को लेकर सहमति बन गई. कांग्रेस के तीन सदस्यों ने इस पर डिसेंट नोट देकर अपनी असहमति जताई.
सोमवार को सेलेक्ट कमिटी की आखिरी बैठक होनी है जिसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा . कांग्रेस को अब भी इस बिल की कुछ बातों को लेकर विरोध है.
राज्यों के नुकसान की पूरी भरपाई करेगा केंद्र
सरकार इस बिल पर ज्यादातर पार्टियों कि सहमति बनाने में इसलिए कामयाब रही क्योंकि अब केन्द्र सरकार पहले पांच साल तक राज्यों को होने वाले नुकसान की 100 फीसदी भरपाई को तैयार हो गई है. पहले केन्द्र सरकार ने तीन साल तक नुकसान की 100 फीसदी भरपाई और उसके बाद नुकसान की 50 फीसदी भरपाई करने का प्रस्ताव रखा था.
देशभर में एक समान हो जाएंगे टैक्स
अगर सरकार मानसून सत्र में जीएसटी बिल पास करा लेती है तो ये उसके लिए बड़ी जीत होगी और आर्थिक सुधारों की दिशा में बड़ा कदम भी. जीसएटी कानून लागू होने के बाद पूरे देश में अलग-अलग टैक्स के बजाय एक ही टैक्स लगेगा जो पूरे देश में समान होगा.