फ्लाइट के दौरान शाकाहारी दंपति को मांसाहारी खाना दिए जाने पर पंजाब उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. आयोग ने एअर इंडिया लिमिटेड सर्विसेज को इसके लिए न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि उपभोक्ता फोरम की ओर से लगाए गए जुर्माने की राशि को भी चार गुना कर दिया.
उपभोक्ता मंच ने एअर इंडिया को ब्राह्मण दंपति को 10,000 रुपये जुर्माना देने के लिए कहा था. आयोग ने इसे बढ़ा कर 40,000 रुपये कर दिया है. इसके अलावा आयोग ने एयरलाइनर को कानूनी खर्च के तौर पर 7,000 रुपये भी दंपति को देने को कहा है.
नहीं दिया जुर्माना तो लगेगा ब्याज
एअर इंडिया को आयोग के आदेश की प्रति मिलने के एक महीने के भीतर जुर्माना भरने को कहा है. ऐसा नहीं होता तो उसे 12% ब्याज भी देना होगा.
शिकायतकर्ता चंद्र मोहन पाठक मोहाली के सेक्टर 121 में रहते हैं. चंद्र मोहन पाठक ने आयोग को शिकायत में बताया कि उन्होंने 17 जून 2016 को अपनी पत्नी के साथ नई दिल्ली से शिकागो की टिकट बुक कराई. रिटर्न टिकट 14 नवंबर 2016 की थी. उन्होंने टिकट बुक कराते हुए साफ लिखा था कि उन्हें और पत्नी को सिर्फ शाकाहारी खाना दिया जाए.
शिकायत के मुताबिक दिल्ली से शिकागो की फ्लाइट में तो दंपति की पसंद के मुताबिक ही शाकाहारी खाना दिया गया. लेकिन रिटर्न फ्लाइट में उन्हें मांसाहारी खाना परोसा गया. दंपति को खाना खाते वक्त समझ आ गया कि कुछ गड़बड़ है. दंपति ने उसी वक्त ये जानकारी केबिन क्रू को दी. खाने के पैकेट पर शाकाहारी या मांसाहारी जैसा कोई प्रतीक भी नहीं था जिससे उसकी पहचान हो सके.
नहीं मिली कम्पलेंट बुक
पाठक ने उसी वक्त कम्पलेंट बुक में शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन ये कम्पलेंट बुक उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई. पाठक ने सोचा कि किसी और यात्री के साथ ऐसा ना हो, इसलिए जरूर कोई कदम उठाना चाहिए. पाठक ने घर पहुंचने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई.
जिला उपभोक्ता फोरम ने एअर इंडिया पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाने के साथ 7,000 रुपये कानूनी खर्च देने के लिए भी कहा, लेकिन एयरलाइनर ने इस आदेश का पालन करने की जगह उसे राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में चुनौती देने का फैसला किया.
आयोग ने एयरलाइनर पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'शाकाहारी यात्री को मांसाहारी खाना परोसना न सिर्फ सेवा की बड़ी खामी है बल्कि भगवान की आंखों में भी पाप है. एयरलाइनर ने ऐसा करके यात्री की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई.'