बिजली क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार करते हुए सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि वह बिजली अधिनियम में आवश्यक सुधार करेगी. इस सुधार के बाद अब उपभोक्ताओं को अपनी बिजली वितरण कंपनी चुनने का अधिकार मिल जाएगा. इसका असर ये होगा कि अब आप किसी कंपनी की सेवाओं से खुश नहीं हैं तो आप दूसरी कंपनी से बिजली खरीद सकते हैं. यह बिल्कुल मोबाइल ऑपरेटर बदलने जैसा होगा.
बिजली एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने सीआईआई के एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘बिजली अधिनियम पर काफी समय से चर्चा हो रही है. अधिनियम सभी संबद्ध पक्षों के परामर्श के लिए सार्वजनिक किया गया था. हमें कई सुझाव मिले हैं.’
मंत्री ने कहा, ‘हम आखिरी मुकाम तक आपूर्ति के मामले में कॉम्पटीशन की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, ताकि उपभोक्ताओं के पास बिजली आपूर्ति के संबंध में विकल्प हों. इससे राज्यों को भी जनता की बेहतर तरीके से सेवा करने में मदद मिलेगी.’
गोयल ने आश्वस्त किया कि जहां भी बिजली खरीद समझौते हैं वहां संबद्ध पक्षों के हितों की रक्षा नियामकों द्वारा तय निश्चित मानकों के साथ परामर्श के अनुरूप की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि अंतिम मुकाम तक अपूर्ति के संबंध में कॉम्पटीशन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि बिजली के दामों में कमी हो सके, यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धात्मकता हो और उपभोक्ता सेवा बेहतर हो. यह पूछने पर कि क्या उपभोक्ता अपनी बिजली वितरण कंपनी खुद चुन सकेंगे, गोयल ने कहा कि ऐसा धीरे-धीरे किया जाएगा. महाराष्ट्र में ऐसी कोशिश हुई तो लेकिन कुछ अदालती फैसलों के कारण ये आगे नहीं बढ़ सकीं.
मंत्री से जब यह पूछा गया कि महाराष्ट्र में यह सफल क्यों नहीं रहा तो उन्होंने कहा कि बिजली अधिनियम 2004 में कुछ दिक्कतें हैं. उन्होंने कहा ‘हम बिजली अधिनियम में मौजूदा संशोधन के तहत वे दिक्कतें दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.’
- इनपुट भाषा से