अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिये नियुक्त अमेरिकी दूत रिचर्ड हॉलब्रुक ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान के सहयोगी जंग खत्म करने के लिये वार्ता करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन औपचारिक बातचीत नहीं हो पा रही है.
हॉलब्रुक की यह टिप्पणी नाटो के एक वरिष्ठ अधिकारी के उस बयान के बाद आई है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि नाटो ने तालिबान नेताओं को अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के साथ आमने सामने की वार्ता को लेकर काबुल पहुंचने के लिये सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया है.
अफगान सरकार ने इससे पहले यह स्वीकार किया था कि वह नाटो की मदद से तालिबान के साथ सुलह वार्ता में शामिल है. लेकिन दोनों पक्षों के बीच चर्चा अनौपचारिक और अप्रत्यक्ष संदेशों के आदान प्रदान वाली और मध्यस्थों के जरिये हुई.