साहित्यकारों के लगातार साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा, यदि लेखक कहते हैं कि वे लिख नहीं पा रहे हैं तो पहले उन्हें लिखना बंद कर देने दीजिए. उसके बाद हम देखेंगे.
महेश ने यह बात अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कही. देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में अब तक 12 लेखक साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा चुके हैं.
सोशल मीडिया ने कहा- अनकल्चर्ड
उनके इस बयान पर मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया. सोशल मीडिया पर इसे किसी संस्कृति मंत्री का सबसे असंस्कृत बयान कहा गया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर इसे असभ्य करार दिया.उनका यह ट्वीट दो घंटे में 112 बार रिट्वीट हुआ.
Mahesh Sharma Culture Minister-"Let Writers stop writing then we would see" Arrogance Personified! Uncultured Statement of Culture Minister
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 13, 2015
विवाद बढ़ा तो मंत्री ने दी सफाई
महेश शर्मा ने अपनी सफाई में कहा कि भारत को अपने लेखकों पर गर्व है. उन्होंने कर्नाटक में कलबुर्गी की हत्या का विरोध किया है. यह कानून-व्यवस्था का मामला है. पुरस्कार तो लेखकों की एक स्वायत्त कमेटी देती है. इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. मैं उन लेखकों की आवाज बनना चाहता हूं. हम हर संभव कदम उठाएंगे, ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हों. उन लेखकों का विरोध राज्य सरकार या मुख्यमंत्री से होना चाहिए. उन्हें अपनी चिंताएं अकादमी और पीएम के आगे रखनी चाहिए.