केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दो टूक कहा कि नारी की गरिमा पर टिप्पणी करने वाली जिस किताब पर विवाद हो रहा है, वो सीबीएसई के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं है. ना ही सीबीएसई की अन्य मददगार किताबों की फेहरिस्त में है. लेकिन जिस लेखक ने पाठ्यपुस्तक में ऐसी टिप्पणी की है उसकी भर्त्सना करता हूं. मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है और इस बारे में लेखक और प्रकाशक से पूछताछ की जाएगी.
दूसरी ओर प्रकाशक न्यू सरस्वती हाउस ने साफ किया कि ये विवादित हिस्सा किसी जमाने में वीके शर्मा की किताब का हिस्सा था. लेकिन उस पर ध्यान जाने के बाद दो साल पहले प्रकाशित संस्करण में उस हिस्से को निकाल दिया गया. प्रकाशक ने भी साफ किया कि 12 वीं के स्तर के छात्रों के लिए ये किताब जरूर लिखी गई है. लेकिन पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. प्रकाशक ने इस बात पर हैरानी जताई कि मीडिया में आखिर अब इतनी पुरानी किताब पर चर्चा क्यों हो रही है.
दरअसल हरियाणा के रहने वाले शिक्षक और इस किताब के लेखक वी के शर्मा ने जीव विज्ञान की किताब में महिलाओं के बारे में बताते हुए उनका परफेक्ट फिगर 36-24-36 की व्याख्या की थी. इस पर विवाद उठ खड़ा हुआ.
लेकिन अब सबको इंतजार है कि आखिर मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी जांच में क्या पाता है.. और लेखक प्रकाशक पर कोई कार्रवाई होती भी है या नहीं.. होती है तो क्या ?.