कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को संसद के बाहर मुंह पर काली पट्टी बांधे नजर आए. ये उनके विरोध का तरीका था. नाराजगी इस बात से थी कि आखिर एक सांसद को संसद में बोलने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के विवादास्पद बयान को लेकर बखेड़ा खड़ा कर रखा है इन्होंने. पीएम की सफाई भी काम नहीं आई. मंत्री ने मांफी भी मांगी लेकिन दलितों के साथ भोजन ग्रहण करने वाले राहुल का दिल फिर भी नहीं पिघला.
ताज्जुब ये कि खुद एक से बढ़कर एक बयान देकर बखेड़ा खड़ा करने वाले राहुल गांधी खुद अपनी करनी भूल गए हैं. ये उनके बोलवचन ही तो हैं जिनकी बदौलत वह
सुर्खियों में होते हैं. माना कि वो अपनी मानसिक परिपक्वता साबित करने की कोशिश में थे. यह भी माना कि वो मुद्दों और प्रतिद्वंद्वियों पर हमला बोल अपनी
राजनीतिक समझ का परिचय देने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन गलती तो हुई थी ना.
खैर विवादों की भी अपनी राजनीति होती है. हम और आप अपनी गलती को 'जस्ट जोकिंग' बताकर मामला वहीं रफा दफा कर देते हैं. लेकिन इन नेताओं के बोल आकाशवाणी की तरह याद रखे जाते हैं. क्या पता कब कौन सा 'वन लाइनर' राजनीतिक मंशा साधने के काम आ जाए. तो एक नजर राहुल बाबा के विवादित बयानों पर-
'मंदिर जाने वाले करते हैं छेड़खानी'
इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के महिला सम्मेलन में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'जो लोग आपको मां-बहन
कहते हैं, मंदिर जाते हैं, देवी को पूजते हैं वही बस में महिलाओं को छेड़ते हैं'.
'गरीबी एक मानसिक स्थिति है'
इलाहाबाद के गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के कार्यक्रम में 6 अगस्त, 2013 को राहुल ने कहा, "गरीबी सिर्फ एक मानसिक स्थिति यानी दिमागी हालत
है और इसका खाना खाने, रुपये और भौतिक चीजों से कोई वास्ता नहीं है.' उन्होंने कहा कि जब तक कोई शख्स खुद में आत्मविश्वास नहीं लाएगा तब तक वह गरीबी के
मकड़जाल से बाहर नहीं निकल पाएगा.
'हिन्दू-मुसलमान को लड़ाती है भाजपा'
राजस्थान के चुरु में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, 'ये (बीजेपी) मुजफ्फरनगर में आग लगा देंगे, यूपी, गुजरात और कश्मीर में लगा देंगे और
फिर हमें और आपको वो आग बुझानी पड़ती है. इससे देश का फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है, लोग मरते हैं, इससे ग़ुस्सा पैदा होता है.'
...एक दिन मुझे भी मार देंगे: राहुल गांधी
चुरु की ही चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'मेरी दादी को मारा, मेरे पापा को मारा और शायद मुझे भी मार देंगे एक दिन, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं
पड़ता.'
'मेरे परिवार ने फैसला किया तो पाकिस्तान का बंटवारा हुआ'
16 अप्रैल, 2007 को एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, 'एक बार मेरा परिवार कुछ करने का फैसला कर ले तो उससे पीछे नहीं हटता. चाहे यह भारत की आजादी हो,
पाकिस्तान का बंटवारा या फिर भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात हो.'
#YoRahulSoDumb जैसे कई हैशटैग्स ट्विटर पर गाहे बगाहे ट्रेंड करते रहते हैं. इसकी भी एक वजह है. एक नजर राहुल गांधी के उन बयानों पर जिसने लोगों को कनफ्यूज भी किया, और खूब हंसाया भी.
'आपके पैंट में भी है राजनीति'
साल 2011 में राहुल गांधी ने अपनी राजनीतिक समझ का परिचय देते हुए कहा था, 'राजनीति हर जगह है, आपके शर्ट में, पैंट में, हरजगह है.'
मुझे खुद को भारतीय कहने में शर्म आ रही है
मई 2011 में भट्टा परसौल के हिसंक संघर्ष के बाद राहुल गांधी ने ये बोल बोले थे. उन्होंने जिस परिप्रेक्ष्य में भी यह बयान दिया हो, लेकिन क्या पीएम पद की चाहत
रखने वाले एक राष्ट्रीय नेता के मुख से ऐसी वाणी शोभा देती है?
'अमेरिका और यूरोप को मिलाने के बाद भी भारत बड़ा है'
राहुल गांधी ने पहले कहा, गुजरात यूनाइटेड किंगडम से बड़ा है. वो यही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और यूरोप को मिला दें तो भी भारत उससे बड़ा है.
बेचारे राहुल बाबा. उनका तात्पर्य वहां की जनसंख्या से था. लोगों ने क्षेत्र के नजरिए ये इस बयान को लिया. इसके बाद ट्विटर पर उनके भूगोल ज्ञान की जमकर
धज्जियां उड़ाई गईं.
अगर देश कम्प्यूटर है, तो देश इसका डिफॉल्ट प्रोग्राम है अगस्त 2013 में सोशल मीडिया पर कांग्रेस के वर्कशॉप के दौरान राहुल गांधी ने यह बयान दिया था.