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इन बयानों से कभी खुद को तो कभी अपने दल को फंसाते रहे ये बड़े नेता

एक और साल यानी 2016 अब बस खत्म होने वाला है और इसके साथ ही नया साल यानी 2017 दस्तक देने वाला है. ऐसे में aajtak.in आपको सालभर हुई उन सभी बड़ी घटनाओं, इवेंट और व्यक्तियों से रूबरू करवा रहा है, जो पूरे साल सूर्खियों में छाए रहे. इसी क्रम में हम आपको बताने जा रहे हैं देश के उन चर्चित नेताओं के बयानों को, जिन पर काफी हंगामा बरपा साथ ही वो विवादित भी रहे.

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बड़े नेताओं के बड़े बोल
बड़े नेताओं के बड़े बोल

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एक और साल यानी 2016 अब बस खत्म होने वाला है और इसके साथ ही नया साल यानी 2017 दस्तक देने वाला है. ऐसे में aajtak.in आपको सालभर हुई उन सभी बड़ी घटनाओं, इवेंट और व्यक्तियों से रूबरू करवा रहा है, जो पूरे साल सूर्खियों में छाए रहे. इसी क्रम में हम आपको बताने जा रहे हैं देश के उन चर्चित नेताओं के बयानों को, जिन पर काफी हंगामा बरपा साथ ही वो विवादित भी रहे.

आजम खान: हमेशा विवादों में रहने वाले अखिलेश सरकार में मंत्री आजम खान ने बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साजिश बताया था. उनके विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि गैंगरेप की पीड़ित के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए.

गिरिराज सिंह: मोदी सरकार के बड़बोले मंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान दिया कि नोटबंदी के बाद हो नसबंदी.

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गुलाब नबी आजाद: सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस नेता आजाद ने नोटबंदी के बाद मरने वाले लोगों की संख्या की तुलना उरी हमले में मारे गये लोगों से की. इस बयान के बाद सदन में हंगामे का माहौल कायम हो गया, जिसके कारण सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा.

फारूख अब्दुल्ला: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने यह कहते हुए विवाद खड़ा कर दिया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला पीओके क्या तुम्हारे बाप का है. देश के कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई.

राबड़ी देवी: पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधानसभा परिसर में न केवल बीजेपी नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्‍तेमाल किया, बल्कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी नहीं बखशा. आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मशहूर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कह दिया कि बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी, मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को अपने घर ले जाएं और अपनी बहन से शादी करा दें.

कैलाश विजयवर्गीय: आजादी के आंदोलन को लेकर महात्मा गांधी की भूमिका पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सवाल उठाया. विजयवर्गीय ने कहा कि साबरमती के संत ने नहीं, क्रांतिकारियों ने दिलाई है आजादी. विरोधियों को उनके इस बयान पर घोर आपत्ति हुई.

दिग्विजय सिंह: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह विवादों में रहना अच्छे से जानते हैं. इस साल भी उन्होंने कश्मीर के लिए इंडियन ऑक्युपाइड कश्मीर शब्द का इस्तेमाल कर बवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने पीओके के साथ आईवोके शब्द का भी इस्तेमाल किया. दिग्विजय ने कहा कि विश्वास पैदा करना है कश्मीर में , चाहे पाक ऑक्युपाइड कश्मीर हो या फिर भारत ऑक्युपाइड कश्मीर हो, अगर यहां लोगों के मन में विश्वास कायम करना हैं तो बातचीत के जरिए ही हो सकता है.

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शरद यादव: जेडीयू के दिग्गज नेता शरद यादव ने सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर विवादास्पद दिया. उन्होने कहा कि कांवड़ यात्रा में भीड़ बेरोजगारी की निशानी है. शरद यादव के इस बयान के बाद विवाद जमकर बढ़ा.

मनोहर पर्रिकर: भारत-पाक के रिश्तों में बढ़े तनाव के चलते पाकिस्‍तान लगातार परमाणु बमों के इस्‍तेमाल की धमकी देता रहा है लेकिन भारत ने हर बार कहा है कि हम पहले परमाणु बमों का उपयोग नहीं करेंगे. लेकिन देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कुछ ऐसा बयान दिया जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया. पर्रिकर ने कहा है कि वह निजी तौर पर मानते हैं कि भारत को परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति से अपने को नहीं बांधना चाहिए.

राहुल गांधी: सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधने वाले राहुल गांधी ने कहा था कि पीएम मोदी शहीदों के खून की दलाली कर रहे हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस बयान के बाद बीजेपी के साथ साथ आम आदमी पार्टी भी राहुल गांधी पर हमलावर हो गई.

पप्पू यादव: नोटबंदी पर इन्होंने कहा दिया कि अगर जनता को एटीएम से पैसे नहीं मिल रहे हैं तो वो उन एटीएम को आग के हवाले कर दे.

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