कई विवादों के केंद्र बिंदु में आ चुकीं मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि वह सीधी बात करने वाली हैं. उनका कहना है कि उन्होंने उस शिक्षा क्षेत्र में यथास्थिति को चुनौती दी है, जिसका इस्तेमाल कुछ लोगों द्वारा मुनाफे के स्रोत के तौर पर किया जा रहा था.
मोदी मंत्रिमंडल के दो अन्य सदस्यों पीयूष गोयल एवं निर्मला सीतारमण के साथ एक संवाद कार्यक्रम में भाग लेते हुए स्मृति ईरानी ने शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कई कदम गिनाए, जो उन्होंने नीति निर्धारण की प्रक्रिया में छात्रों एवं अभिभावकों को सशक्त बनाने के लिए उठाए हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि जब आप यथास्थिति को चुनौती देते हैं तो जिम्मेदार ठहराए जाने वाले कुछ लोग शोर करते हैं क्योंकि उन्हें महसूस होता है कि उनको चुनौती दी जा रही है. उन्हें लगता है कि सिर्फ सिफारिश के आधार पर नौकरी नहीं पाई जा सकती और अपने हितों की पूर्ति के लिए किसी सरकारी संस्थान का इस्तेमाल नहीं हो सकता, बल्कि उनको देश के हित में काम करना होगा.’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘संस्थानों को मुनाफे का स्रोत एवं माध्यम बना लेने वाले लोग यह देखते हैं कि सीधी बात करने वाली आ गई है और काम करने पर जोर देगी.’ उनसे मोदी सरकार के एक साल के दौरान मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़े विवादों के बारे में सवाल किया गया था.
इनपुट: भाषा