पानी के लिए विश्वयुद्घ छिड़ने की बात आज के वक्त में भले ही कोरी कल्पना हो, पर पानी के लिए 'जंग' जैसी नौबत आ चुकी है.
महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में सूखे के जबर्दस्त कहर के बावजूद आसाराम बापू द्वारा अपने भक्तों के साथ होली खेलने का मामला अभी ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है. अब सवाल उठ रहे हैं कि महाराष्ट्र सरकार के पास आसाराम के लिए तो पानी नहीं है, फिर आईपीएल मैचों में बर्बाद करने के लिए पानी कहां से आ गया?
अनुमान है कि मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल मैचों के दौरान मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) 22.5 लाख लीटर पानी पिचों और आउटफील्ड के लिए खर्च करेगा. एसोसिएशन की मैनेजिंग कमेटी के एक सदस्य नदीम मेनन ने यह खुलासा किया है.
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 9 अप्रैल से 15 मई के बीच आईपीएल के कुल 8 मैच होने हैं. यह मुंबई इंडियंस का होम ग्राउंड है. पहला मैच 9 अप्रैल को है. इसके 15 दिनों पहले यानी 24 मार्च से ही पिच को पूरी तरह से तैयार रखा जाएगा. मैदान पर रोजाना पानी डाला जाता है. इस लिहाज से कुल 45 दिन पानी डाला जाएगा. एक दिन में करीब 5 से 6 टैंकर पानी डाला जाएगा. एक टैंकर में 10 हजार लीटर पानी होता है, जिसकी कीमत 700 रुपये बैठती है.
अनुभवी क्यूरेटर नदीम मेनन ने बताया कि पानी की आपूर्ति मेट्रो सिनेमा के पास के बोरवेल से की जाती है. नदीम मेनन ने देश में कई क्रिकेट स्टेडियमों को तैयार करने में अपना योगदान किया है. वे एमसीए ग्राउंड कमेटी के प्रमुख भी हैं. उनका कहना है कि मैदान पर सही तरीके से घास का उगा होना जरूरी है, ताकि कोई खिलाड़ी जख्मी न हो जाए. यह जरूरी है कि हर मैदान बीसीसीआई के तय मानदंडों के मुताबिक तैयार किया गया हो. इसके लिए पानी की जरूरत होती है. नदीम के मुताबिक, मैच के दौरान शौचालयों, ड्रेसिंग रूम, पेंट्री और स्टॉल के लिए पानी की जरूरत होती है.
महाराष्ट्र में मुंबई के अलावा पुणे वह दूसरा शहर है, जहां आईपीएल के मैच होगें. पुणे के सुब्रत राय सहारा स्टेडियम में भी 8 मैचों का आयोजन होना है. मेनन के मुताबिक, पुणे में आईपीएल मैच के लिए भी करीब 22.5 लाख लीटर पानी की खपत होने का अनुमान है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र का मराठवाड़ा और उस्मानाबाद इलाका भीषण सूखे की चपेट में है. वहां के सूखे ने इस बार पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लोगों को पीने का पानी तक बमुश्किल ही मयस्सर हो पा रहा है.
क्या है पूरा मामला...
नवी मुंबई की नगरपालिका ने आसाराम बापू को होली के लिए पानी देने से मना कर दिया गया था. नवी मुंबई नगर महापालिका ने होली समारोह में पानी की बर्बादी को देखते हुए पानी के टैंकर देने से मना कर दिया. इससे पहले आसाराम नागपुर के कस्तूरचंद पार्क में एक बड़े मंच से श्रद्धालुओं पर रंग वाला पानी फेंक रहे थे.
आसाराम द्वारा पानी की बर्बादी को लेकर कई लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला. नागपुर की कई महिला सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उनका खुला विरोध किया. यहां तक कि महाराष्ट्र विधानसभा में आसारामू के होली के जश्न के दौरान पानी की फिजूलखर्ची का मुद्दा उठा. एनसीपी नेता नवाब मलिक कहना था कि पंप लगाकर पानी की बर्बादी की जाए, यह धार्मिकता नहीं है. बीजेपी का कहना था कि होली में पीने के पानी की बर्बादी करना कानून का उल्लंघन है और आयोजकों पर कार्रवाई की जा सकती है.