राजस्थान वालों, 'आपका मुख्यमंत्री' अब आपका नहीं रहा. तुर्की वालों का हो गया है. अशोक गहलोत के फेसबुक पेज को सबसे ज्यादा इस्तांबुल वालों ने लाइक किया है. महीने भर में उनके लाइक डबल हो गए हैं. बीजेपी कह रही है कि इस मामले में सीएम साहब 'वसुंधरा जी' से पिछड़ रहे थे तो उन्होंने थोक में सीधे तुर्की से लाइक खरीद लिए और बन गए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेता. कांग्रेस कह रही है कि लाइक तो कोई कहीं से भी कर सकता है, इस पर बवाल मत कीजिए.
अशोक गहलोत का फेसबुक स्कैम, हजारों लाइक खरीदने का आरोप
पर बवाल तो हो गया है. फेसबुक लाइक की इस पॉलिटिक्स को सबसे ज्यादा पब्लिक ही 'डिसलाइक' कर रही है. राजस्थान के लोग पहली बार अपना कुनबा बढ़ने से खुश नहीं हैं. वे दिलदार लोग हैं, इस्तांबुल वालों का वर्चुअल दुनिया में खूब सत्कार करेंगे, चूरमा भी खिलाएंगे पर सीएम साहब आप ये चूरन मत दीजिए उन्हें. ये लोग कोई चैन की बंसी नहीं बजा रहे हैं आपके राज में, जो आपकी लीलाओं पर तालियां पीटें. ये हर पल अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं से जूझते लोग हैं. गौर से देखिएगा तो इन बड़े दिल वालों की जेबें खाली मिलेंगी आपको.
ऐसे में पब्लिक का धीरज टेस्ट मत करो सीएम सा. हम खरे लोग हैं. ये साइबर गेम हमसे मत खेलो. समय और पैसा ज्यादा है तो हेलीकॉप्टर का रुख जरा उन गांवों की ओर मोड़ो, जहां लोग बरसों से आपकी बाट जोह रहे हैं, इस आस में कि कोई तो आएगा, जो सब कुछ इकट्ठा करेगा.