नामी-गिरामी शख्यिसतों के जूते-चप्पल उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा उतारे जाने की घटना की कड़ी में अब एक और नाम जुड़ गया है. ताजा मामला पंजाब का है, जहां मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जूते उनके निजी सुरक्षाकर्मी ने सार्वजनिक जगह पर उतारे.
वाकया फिरोजपुर जिले का है. शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सिंह के शहादत दिवस पर फिरोजपुर के हुसैनीवाला स्थित शहीदी स्मारक पर नमन करने पहुंचे मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जूते उनके सुरक्षाकर्मी द्वारा उतारे जा रहे थे. जब मीडियाकर्मी इस दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे, तो इसकी भनक दूसरे सुरक्षाकर्मी को लगी. इसके बाद उसने अपने हाथ में पकड़ी फाइल को आगे कर लिया.
सुरक्षाकर्मी अपने कंधे पर गन टांगे और हाथ में मुख्यमंत्री के जूते पकडे़ उनके आने का इंतजार कर रहा था. अक्सर राजनेताओं के सुरक्षाकर्मियों से सुरक्षा के साथ-साथ कई तरह के काम भी लिए जाते हैं. सवाल उठता है कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा सुरक्षाकर्मियों से अपने जूते उतरवाने का काम कहां तक उचित है?
मुख्यमंत्री तो शहीदों के स्मारक पर श्रद्धा के फूल अर्पित कर चले गए, पर अपने पीछे वे जो मुद्दा छोड़ गए, उसपर बहस जरूरी है, ताकि सुरक्षाकर्मियों के काम को सुरक्षा तक ही सीमित रखा जाए.