जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को लेकर तमिलनाडु में सियासी बवाल शुरू हो गया है. मद्रास यूनिवर्सिटी के वीसी पद के लिए जगदीश कुमार को नामांकित किए जाने की तमिलनाडु में काफी आलोचना हो रही है.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) प्रमुख एमके स्टालिन ने जगदीश कुमार को मद्रास यूनिवर्सिटी का वीसी नामांकित किए जाने का कड़ा विरोध किया है. जारी बयान में स्टालिन ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर तमिलनाडु को अपमानित करने का प्रयास बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार यह भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है कि राज्य में इतना योग्य कोई शख्स नहीं है जिसे मद्रास यूनिवर्सिटी का वीसी नियुक्त किया जा सके. द्रमुक ने यह भी दावा किया कि यह शैक्षणिक संस्थानों का भगवाकरण करने का एक प्रयास है.
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जारी बयान में स्टालिन ने कहा, "जेएनयू के छात्रों पर निर्मम तरीके से हमले किए गए जबकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी के कुलपति ने सिर्फ लापरवाही प्रदर्शित की. यह लगभग ऐसा है जैसे यह पद उन्हें राज्यपाल ने इनाम के रूप में दिया हो. यह एक भयानक उदाहरण बनेगा. यूनिवर्सिटी के वीसी को चुनने में पारदर्शिता बरतने के नाम पर राज्यपाल राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों का भगवाकरण कर रहे हैं. राज्यपाल राजनीतिक नैतिकता के खिलाफ जा रहे हैं."
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बता दें कि मद्रास यूनिवर्सिटी के मौजूदा वीसी दुरीसामी का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है और नए वीसी की तलाश जुटे सर्च पैनल ने एम जगदीश कुमार का नाम आगे बढ़ाया है. पैनल में दो अन्य सदस्य अलगप्पा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पी. रामासामी और मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पी. मारुथमुथु भी शामिल हैं.
वहीं पीएमके चीफ डॉ. एस रामदास ने ट्वीट किया, 'ऐसा लगता है कि जगदीश कुमार को किसी बाहरी को मद्रास यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में नियुक्त करने के इरादे से नामित किया गया है. हम अन्ना यूनिवर्सिटी की तरह ही मद्रास विश्वविद्यालय को बर्बाद नहीं होने दे सकते. दूसरे राज्यों के लोगों को तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों का प्रभार सौंपना खतरनाक है. राज्यपाल को इसे जारी नहीं रखना चाहिए और तमिलनाडु सरकार को इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए.'