13 फरवरी को दिया गया था प्रस्ताव
इस बाबत भारत ने जब आपत्ति जताई तो चीन ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारी इस पर अंतिम बातचीत कर रहे हैं. आज तक को विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि वायुसेना के विमान को वुहान भेजने के लिए भारत ने 13 फरवरी को प्रस्ताव दिया था. 15 फरवरी को भारत ने चीनी अधिकारियों को फ्लाइट प्लान भी सौंप दिया. इस प्लान के मुताबिक विमान को 20 फरवरी को वुहान के लिए उड़ान भरनी थी. यानी कि चीन के पास अनुमति देने के लिए 5 दिन का पर्याप्त समय था. इसलिए भारत का मानना है कि चीन जानबूझकर देरी कर रहा है.
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भारत ने अपनी ओर से तर्क पेश करते हुए कहा कि इस बीच में वुहान से जापान, यूक्रेन और फ्रांस के विमान उड़ान भर चुके हैं. 16 फरवरी को जापान, 19 फरवरी को यूक्रेन और 20 फरवरी को फ्रांस के विमान ने वुहान से उड़ान भरी है. भारत ने कहा कि अगर चीन इन देशों के विमान को वुहान जाने की अनुमति दे सकता है तो भारत के विमान को परमिशन क्यों नहीं दी जा सकती है.
भारत ने फिर की अपील
भारत ने एक बार फिर से चीन की सरकार से अपील की है कि भारत के विमान को वुहान जाने की अनुमति दी जाए. भारत ने कहा है कि चीन की अनिश्चितता वुहान में फंसे भारतीय नागरिकों में बेचैनी पैदा कर रही है और वे मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं. भारत ने कहा है कि चीन को भारत के रिलीफ फ्लाइट को वुहान जाने की इजाजत देनी चाहिए.
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अबतक 2345 लोगों की मौत
इस बीच चीन में जानलेवा कोरोनोवायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,345 हो गई है, जबकि कन्फर्म मामलों की संख्या 76,288 तक पहुंच गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि उसे 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों और शिंजियांग प्रोडक्शन एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्प्स से शुक्रवार को 397 नए कन्फर्म मामलों और 109 लोगों की मौतों की सूचना मिली.