असम में भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए यहां के डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है. कोरोना वायरस की चपेट में डिटेंशन सेंटर के लोग न आ जाएं, इसलिए लोगों को यहां से निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि डिटेंशन सेंटर में लोग ज्यादा हैं, लिहाजा उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र असम सरकार को नोटिस जारी किया है.
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दरअसल, राजूबाला दास की ओर से यह याचिका दायर की गई है. उनकी मांग है कि पिछले 2 साल से वे डिटेंशन सेंटर में हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उन्हें छोड़ देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में आदेश दिया था कि जो लोग डिटेंशन सेंटर में 3 साल से ज्यादा वक्त गुजार चुके हैं, उन्हें छोड़ देना चाहिए. इसे देखते हुए याचिका में मांग की गई है कि जिन लोगों ने सेंटर में 2 से ज्यादा का वक्त गुजार लिया है, उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि सेंटर में भीड़ भाड़ को देखते हुए यह जरूरी है कि लोगों को बाहर कर दिया जाए. कोरोना वायरस के कारण देश-दुनिया में लॉकडाउन भी चल रहा है. सड़क, रेल और हवाई यातायात भी बंद है. ऐसी सूरत में डिटेंशन सेंटर के लोगों को उनके देशों में प्रत्यर्पित भी नहीं किया जा सकता. इसलिए उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण न हो, इसे देखते हुए डिटेंशन सेंटर से छोड़ने की मांग उठाई गई है.
बता दें, असम में कोरोना वायरस के 25 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से एक को छोड़कर बाकी तबलीगी जमात से जुड़े हैं. रविवार को असम के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निजामुद्दीन के मरकज के जलसे में शामिल लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के मद्देनजर हमने गुवाहाटी लखटोकिया मस्जिद के नेताओं से मुलाकात की है. यहां तबलीगी जमात का हेडक्वार्टर भी है. हमने गुवाहाटी लखटोकिया मस्जिद के नेताओं से अपील की है कि वो उन लोगों की लिस्ट मुहैया कराएं, जो तबलीगी जमात के मरकज के जलसे में शामिल हुए थे. इन लोगों को क्वारनटीन करना बेहद जरूरी है.