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कोरोना जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट को पीछे छोड़ रहा एंटीजन टेस्ट

भारत में अभी तक एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट को राष्ट्रीय स्तर पर अलग से रिपोर्ट नहीं किया जा रहा है, लेकिन इंडिया टुडे डाटा इंटेलीजेंस यूनिट ने चार ऐसे राज्यों के आंकड़ों को एकत्र किया, जो ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं और जहां कोरोना केस भी ज्यादा हैं.

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देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले (फाइल फोटो: PTI)
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले (फाइल फोटो: PTI)

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  • देश में बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण
  • 25-30 फीसदी हो रहे एंटीजन टेस्ट

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने 4 अगस्त को पहली बार खुलासा किया कि भारत में कोरोना के जितने टेस्ट हो रहे हैं, उनमें से 25-30 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं. एंटीजन टेस्ट, आरटी-पीसीआर टेस्ट के मुकाबले कम संवेदनशील होते हैं. हालांकि, आरटी-पीसीआर की तुलना में एंटीजन टेस्ट काफी जल्दी संपन्न होते हैं और सस्ते भी हैं.

यह अच्छी खबर हो सकती थी, लेकिन डॉ भार्गव ने ये भी कहा कि एंटीजन टेस्ट की संवेदनशीलता 55-85 फीसदी तक है. इसका मतलब ये हुआ कि एंटीजन टेस्ट 15-45 फीसदी तक पॉजिटिव केस पकड़ नहीं पाते.

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हालांकि, भारत में अभी तक एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट को राष्ट्रीय स्तर पर अलग से रिपोर्ट नहीं किया जा रहा है, लेकिन इंडिया टुडे डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने चार ऐसे राज्यों के आंकड़ों को एकत्र किया, जो ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं और जहां कोरोना केस भी ज्यादा हैं. ये चार राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली और केरल हैं. ये आंकड़े उन तारीखों तक सीमित हैं, जिन पर संबंधित राज्यों ने इन्हें जारी किया है.

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diu1_080620093339.jpgकोरोना जांच

दिल्ली एंटीजन टेस्ट शुरू करने वाला पहला राज्य था और एक जुलाई से यहां दैनिक एंटीजन टेस्ट, दैनिक आरटी-पीसीआर टेस्ट से ज्यादा होने लगा. इसके साथ ही दिल्ली में हर दिन होने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या में लगातार गिरावट आई है. एंटीजन टेस्ट ने अब बड़े पैमाने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की जगह ले ली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि एंटीजन टेस्ट सहायता के लिए होना चाहिए, मानक आरटी-पीसीआर टेस्ट का विकल्प नहीं होना चाहिए, जिसकी संवेदनशीलता 100 फीसदी है.

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अन्य राज्यों ने भी दिल्ली का अनुसरण किया. पिछले सप्ताह से कर्नाटक में भी एंटीजन टेस्ट ने आरटी-पीसीआर टेस्ट को पीछे छोड़ दिया है. अब यहां भी एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ रही है और आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या में काफी गिरावट आई है. लगभग उसी समय केरल और आंध्र प्रदेश में भी दैनिक एंटीजन टेस्ट ने दैनिक आरटी-पीसीआर टेस्ट को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है. हर दिन आरटी-पीसीआर टेस्ट की तुलना में दोगुने एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं.

diu2_080620093508.jpgकोरोना जांच

क्या इससे टेस्ट पॉजिटिविटी पर असर पड़ सकता है? पॉजिटिविटी के सटीक आंकड़ों के बगैर यह कहना मुश्किल है. एक छोटे उदाहरण से इसे समझना चाहिए. हाई कोर्ट में कार्यवाही के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में 18 जून से 17 जुलाई के बीच 2.8 लाख से ज्यादा एंटीजन टेस्ट किए गए. इनमें से 7 फीसदी से भी कम लोग पॉजिटिव पाए गए. इसके उलट, आरटी-पीसीआर टेस्ट के 40 फीसदी केस का रिजल्ट पॉजिटिव रहा. एंटीजन टेस्ट में जिनके रिजल्ट निगेटिव आए थे, उनका फिर से आरटी-पीसीआर टेस्ट करने पर हर पांच में से एक केस का रिजल्ट पॉजिटिव आया.

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लेकिन सभी राज्यों में स्थिति एक जैसी नहीं है. कर्नाटक ने टेस्ट के टाइप के आधार पर जुलाई के एक सप्ताह का पॉजिटिविटी डेटा जारी किया. इसके मुताबिक, एंटीजन टेस्ट की पॉजिटिविटी आरटी-पीसीआर टेस्ट के मुकाबले ज्यादा कम नहीं थी. अब इस मामले में सही तस्वीर तभी सामने आ सकती है, जब राष्ट्रीय स्तर पर सटीक और जरूरी आंकड़े सामने आएं.

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