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कोरोना वायरस: बीजेपी सांसद स्वामी की मांग- आसाराम की भी हो जेल से रिहाई

देश में कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं की प्रदेशों में लॉकडाउन के बीच कैदियों की कुछ वक्त के लिए रिहाई भी की जा रही है.

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आसाराम (फाइल फोटो)
आसाराम (फाइल फोटो)

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  • कोरोना वायरस के कारण कैदियों की हो रही रिहाई
  • सुब्रह्मण्यम स्वामी ने की आसाराम की रिहाई की मांग

दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस के कारण दुनिया में 7 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं भारत में भी कोरोना वायरस लगातार पैर पसार रहा है. इस बीच भारत में कैदियों को जमानत पर रिहा किया जा रहा है.

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देश में कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं कई राज्यों में लॉकडाउन के बीच कैदियों की कुछ वक्त के लिए रिहाई भी की जा रही है. इसको लेकर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आसाराम की रिहाई की मांग कर दी है.

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अपने ट्विटर अकाउंट पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'यदि सजायाफ्ता कैदियों को सरकार की ओर से रिहा किया जा रहा है, तो गलत तरीके से दोषी पाए गए और 85 वर्षीय बीमार आसाराम बापू को पहले रिहा किया जाना चाहिए.'

दरअसल, आसाराम नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी है. जेल में बंद आसाराम की उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिहाई की मांग की है. इससे पहले आसाराम के समर्थक भी सोशल मीडिया पर आसाराम की रिहाई की अपील कर चुके हैं. आसाराम राजस्थान में जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं.

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बता दें कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तिहाड़ जेल ने कई कैदियों को जमानत पर रिहा किया था. सुप्रीम कोर्ट कहा था कि 7 साल से कम की सजा काट रहे लोगों को पैरोल या अंतरिम जमानत दी जाए. जिसके बाद तिहाड़ जेल में कैदियों की रिहाई का कदम उठाया.

वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी कैदियों की रिहाई का आदेश दिया. योगी सरकार ने सूबे की जेलों में बंद 11 हजार कैदियों को 8 सप्ताह के लिए निजी मुचलके पर रिहा करने का फैसला लिया.

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