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भारत और नेपाल की लंबी सीमा खुली हुई है, जिससे दोनों ही तरफ के लोग आवागमन करते हैं. लिहाजा भारतीय जांच एजेंसियां और नेपाल पुलिस भी सतर्क है. दोनों ही देशों की ओर से कोरोना वायरस के संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है. भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित सुनसुरी जिला जो नेपाल में आता है, वहां निजामुद्दीन मरकज से 3 जमाती 5 मार्च को पहुंचे थे.निजामुद्दीन मरकज से लौटे जमातियों को नेपाल पकड़कर पुलिस ने डॉक्टरों से चेकअप करवाया है. इनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव तो नहीं पाया गया. फिर भी 3 जमातियों को पहले 14 दिन क्वारनटीन में रखा गया. अब क्वारनटीन की अवधि 7-7 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. इस संबंध में सुनसुरी के DSP विनोद शर्मा ने आजतक को बताया कि इन तीनों जमातियों की फिर से जांच कराई जाएगी.
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उन्होंने बताया कि हमने बॉर्डर पर सुनसुरी से 7 पाकिस्तानी और 19 भारतीयों को पकड़ा गया है. ये सभी एक मदरसे में रह रहे थे. सभी भारतीय अलग-अलग राज्यों के हैं. सभी को क्वारनटीन किया गया है. सुनसुरी के डीएसपी ने बताया कि इनमें से किसी में कोरोना के लक्षण अभी तक नहीं पाए गए हैं. ये सभी पिछले दो महीनों से मदरसों में पढ़ा रहे थे. इनका निजामुद्दीन के मरकज से कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी इसकी जानकारी नेपाल की मिनिस्ट्री को दे दी गई है.नेपाल के पुलिस अधिकारी ने बताया कि निजामुद्दीन के मरकज में मिले लोगों को दिल्ली में ही क्वारनटीन किया गया है. बता दें कि सुनसुरी इलाके में भारतीय खुफिया एजेंसियां हमेशा नजर बना के रखती हैं. इसी इलाके से इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी जो बटला हाउस एनकाउंटर के बाद भागा था, वह पकड़ा गया था. साथ ही सिमी का खूंखार आतंकी शुभान तौकीर भी इसी इलाके में कई साल छिपकर रहा था.