भारत में पिछले तीन दिनों में कोरोना के संक्रमण में तेजी आई है. अबतक 29 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. सरकार ने कोरोना से मुकाबला के लिए कई तैयारियां की हैं. अब तक कोरोना वायरस की जांच के लिए 15 लैब मौजूद हैं, जबकि 19 नई लैब तैयार की जा रही हैं. इस बीच कोरोना का केंद्र रहे वुहान के कुछ डॉक्टरों ने भारत को सलाह दी है कि कोरोना से बचने के लिए क्या-क्या करें.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वुहान में पिछले दो महीनों से कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले चार बड़े डॉक्टरों ने चीन और दुनिया के मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान वुहान के बड़े अस्पताल पेकिंग यूनिवर्सिटी की प्रसिडेंट कियाओ जी से पूछा गया कि भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया है, भारत को क्या सलाह देंगे.
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डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या की जरूरत
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''भारत और चीन एशिया के दो बड़े देश हैं. इन दोनों देशों में कई समानताएं हैं. हमारी जनसंख्या बहुत ज्यादा है. दोनों देशों में संयुक्त परिवार और एक जैसी इलाज पद्धति है. भारत को सबसे पहले संक्रमण के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में डॉक्टर जुटाने होंगे."
मेडकिल स्टाफ को ट्रेनिंग में क्या बताएं?
उन्होंने कहा, ''भारत को पर्याप्त संख्या में मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देनी चाहिए, जो कम पॉजिटिव संक्रमण वाले लोगों का तुरंत इलाज कर सकें. ट्रेनिंग के दौरान उन्हें इलाज में किन उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए और खुद को कैसे बचाएं. इसकी जानकारी देने की जरूरत है."
कियाओ जी ने कहा कि चीन में कोरोना फैलते ही जानकारी के अभाव में 10 डॉक्टरों समेत करीब 3000 लोगों की मौत हो गई थी. इसलिए भारत को तुरंत ट्रेनिंग देने की जरूरत है. साथ ही इलाज के लिए ट्रीटमेंट रूम तैयार करना चाहिए. इन कमरों में हाई पावर एग्जॉस्ट फैन लगाने की जरूरत है ताकि हवा का प्रवाह लगातार जारी रहे.
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यह संक्रमित मरीज और मेडिकल स्टाफ दोनों के लिए जरूरी है. साथ ही पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा, '' कोरोना से मुकाबला के लिए सबसे जरूरी चीज है संबंधित विभागों के साथ मिलकर प्लान तैयार करना."