राजस्थान के बजट का 40 फीसदी समाज कल्याण विभाग को जाता है. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जिम्मे ही ये विभाग है. लेकिन ये विभाग बन चुका है लूट की दुकान.
चंद नोटों की कीमत पर बिकती है लाखों की स्कॉलरशिप. स्कॉलरशिप का यह खेल बेहद शर्मनाक है. शिक्षा के नाम पर करोड़ों के हेरफेर का ये खेल बेहद हैरान करने वाला है. यहां गरीब और पिछड़े छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
भ्रष्टाचार के इस गंदे-काले जाल में सब फंसे हैं. शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले कॉलेजों से लेकर मंत्रालय तक. कागजों पर जिस कॉलेज के नाम पर हर साल लाखों रुपए भेजे जाते हैं, असल में उनका कोई वजूद ही नहीं.
इतना ही नहीं कॉलेजों में जिन छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति भेजी जाती है, असल में वो छात्र कहीं हैं ही नहीं.
राजस्थान का सामाजिक कल्याण विभाग एससी-एसटी छात्रों को छात्रवृत्ति के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए आवंटित करता है. लेकिन ना ये पैसे छात्रों तक पहुंचते हैं और ना ही कोई सुविधा. एक बड़ा गोरखधंधा है. छात्रों के नाम पर पैसा कोई और डकार रहा है और छात्र परेशान हाल दफ्तरों के दरवाजे खटखटा रहे हैं.
आजतक के खुलासे में एक-एक नकाब उतर रहा है कि कहां से कहां तक फैले हैं इस घोटाले के तार. ऐसा घोटाला, जिसके बारे में सरकारी अफसरों को भी जानकारी है. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर ना जाने क्यों सबके पसीने छूटते हैं.