टेरर फंडिंग को लेकर भारत अब पाकिस्तान को मेलबर्न में बेनकाब करेगा. मेलबर्न में 7-8 नवंबर को काउंटर टेरर फाइनेंसिंग की मीटिंग होने वाली है. इस मीटिंग के लिए गृह मंत्रालय ने गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) डीजी वाईसी मोदी, इंटेलिजेंस ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर, विदेश मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी और फाइनेंशल इंटेलिजेंस यूनिट के एडिशनल डायरेक्टर को मेलबोर्न भेजा है.
मेलबोर्न के मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस ऑन काउंटर टेररिज्म फाइनेंसिंग की मीटिंग का मुख्य मुद्दा नो मनी फॉर टेरर है, जिसमें भारत की जांच एजेंसी एनआईए, फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट और आईबी, पाकिस्तान के भारत में टेरर फाइनेंसिंग के तमाम बिंदुओं को पूरी विश्व बिरादरी के सामने उजागर करेंगे.
हाल ही में एनआईए के पास जम्मू कश्मीर और भारत के दूसरे राज्यों में टेरर फंडिंग के पाकिस्तान के सीधे-सीधे शामिल होने के सबूत मिले हैं, जिसे दुनिया के सामने रखा जाएगा.
पाकिस्तान को मिल चुकी है फटकार
इससे पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि वो फरवरी 2020 तक सुधार के सख्त कदम उठाए. अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.
एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर सका . इसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
टेरर फंडिंग में पाकिस्तान का हाथ
इससे पहले हाल ही में एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कई खुलासा किया था. भारत में आतंक फैलाने के लिए न केवल पाकिस्तान बल्कि पाकिस्तान की सरकारें भी लिप्त हैं. आतंकवादियों के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार भी भारत में दहशतगर्दों की सरपरस्ती करती है.
इस बात का खुलासा तब हुआ जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में दाखिल हालिया चार्जशीट में कहा है कि दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन ने हुर्रियत नेताओं के लिए एक पार्टी रखी थी. इस पार्टी में पाकिस्तानी अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि कैसे रुपये गैरकानूनी कामों में खत्म किए जाएं.