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देश में ड्रग्स तस्करी के 47 हजार मामले सामने आए, सीमा पार से आता है नशा

25 जून 2019 को लोकसभा में बताया गया कि वर्ष 2017 में देश में नशीले पदार्थों की तस्करी के 47,344 मामले सामने आए थे. इन मामलों में से सबसे ज्यादा मामले पंजाब (12,439), केरल (8440) और उत्तर प्रदेश (6693) में दर्ज किए गए. देश में ड्रग्स पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल सीमा से या फिर अफ्रीका से होकर भारत पहुंचता है. 2007 से 2017 तक नशे की वजह से देश में 25 हजार आत्महत्याएं हुई हैं.

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देश में ड्रग तस्करी के 47 हजार से ज्यादा मामले सामने आए. (फोटो- गेटी)
देश में ड्रग तस्करी के 47 हजार से ज्यादा मामले सामने आए. (फोटो- गेटी)

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26 जून यानी आज पूरी दुनिया में नशा मुक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से चलने वाली संस्था अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (INCB) की 2018 की रिपोर्ट को माने तो भारत ड्रग्स के अवैध कारोबार का प्रमुख केंद्र है. इसका पता इससे भी चलता है 25 जून 2019 को लोकसभा में बताया गया कि वर्ष 2017 में देश में नशीले पदार्थों की तस्करी के 47,344 मामले सामने आए थे.

इन मामलों में से सबसे ज्यादा मामले पंजाब (12,439), केरल (8440) और उत्तर प्रदेश (6693) में दर्ज किए गए. जबकि, देश में ड्रग्स की तस्करी के सबसे कम मामले लक्षद्वीप (0), दादर-नगर हवेली (0), दमन-दीव (0) और सिक्किम (1) मामला दर्ज किया गया. आईएनसीबी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस समय कैनाबिस से लेकर ट्रामाडोल जैसी नशीले पदार्थों का उपयोग हो रहा है.

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किस रास्ते से आती हैं भारत में ये नशे की दवाइयां

देश में ड्रग्स पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल सीमा के माध्यम से या फिर अफ्रीका से होकर भारत पहुंचता है. फिर इन्हें दिल्ली या पंजाब लाया जाता है. इन्हें लाने के सबसे बेहतरीन रास्ते सीमाई इलाकों में मौजूद नदी-नाले होते हैं. कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में तो भांग और गांजे की खेती होती है. वहीं, हीरोइन और कोकीन नियंत्रण रेखा से घाटी में आती है. फिर वहां से पूरे देश में फैलाई जाती हैं.

बढ़ी खुदकुशी... नशे से मौत के 70 फीसदी मामले पुलिस तक पहुंचते ही नहीं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो भारत में 2007 से लेकर 2017 तक 10 सालों में ड्रग्स से संबंधित 25,000 से ज्यादा आत्महत्याएं हुई थीं. इसमें 74% मामले पंजाब से हैं. खुदकुशी के कुल मामलों में से 70% मामले पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2017 में पूरी दुनिया में नशे की वजह से 2.6 लाख लोगों की मौत हुई थी.  

देश के बच्चों और युवाओं में तेजी से फैलता नशा

देश के बच्चों और युवाओं में नशे का सेवन बढ़ना बड़ी समस्या बन चुका है. फरवरी 2019 में, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (NDDTC) ने अपनी रिपोर्ट में नशीले पदार्थ के उपयोग की जानकारी दी है. इसके मुताबिक...

  • 1. भारत में 10 से 75 वर्ष के बीच के करीब 14.6% लोग (करीब 16 करोड़ लोग) शराब पीते हैं. सबसे ज्यादा शराब का उपयोग छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा में होता है.
  • 2. 2018 में करीब 2.8% भारतीयों (3.1 करोड़) ने भांग उत्पादों का उपयोग किया है. इस नशे का सबसे ज्यादा उपयोग उत्तर प्रदेश, पंजाब, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में होता है.
  • 3. 2.06 प्रतिशत लोगों ने अफीम का उपयोग किया है, जबकि 0.55% भारतीयों ने ओपिओइड का सेवन किया है. इनका सबसे ज्यादा उपयोग उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और गुजरात में होता है.  
  • 4. पूरे देश में करीब 8.5 लाख लोग ड्रग्स (PWID) इंजेक्ट करते हैं. इनका सबसे ज्यादा उपयोग सिक्किम, नगालैंड, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर, मिजोरम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश और गुजरात में होता है.

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