scorecardresearch
 

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के इन 12 अनूठे पहल को देश रखेगा याद

प्रणब मुखर्जी ने अपने तमाम पहल के द्वारा देश पर एक छाप छोड़ी है. उनके कई ऐसे अनूठे पहल हैं, जिन्हें देश याद रखेगा...

Advertisement
X
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश रखेगा याद
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश रखेगा याद

Advertisement

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है. आज रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण करेंगे. प्रणब मुखर्जी आज राष्ट्रपति भवन त्याग देंगे. प्रणब मुखर्जी ने अपने तमाम पहल के द्वारा देश पर एक छाप छोड़ी है. उनके कई ऐसे अनूठे पहल हैं, जिन्हें देश याद रखेगा...

1. राष्ट्रपति पद का लोकतंत्रीकरण

प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति की संस्था के लोकतंत्रीकरण के लिए कई घोषणाएं कीं. परंपरागत रूप से राष्ट्रपति को संबोधित करने वाले शब्द 'हिज एक्सीलेंसी' को हटा दिया गया. राष्ट्रपति भवन आने वाले अतिथियों के प्रोटोकॉल और सुरक्षा प्रतिबंधों में कई तरह की ढील दी गई. आम लोगों को तकलीफ कम से कम हो इसके लिए प्रणब मुखर्जी ने यह कोशिश की कि दिल्ली में उनके कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा राष्ट्रपति भवन में ही हों.

Advertisement

2. अध्यादेश और दया याचिका

प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान 26 अध्यादेश लागू या पुनर्लागू किेए. अपने कार्यकाल के पांचवें साल में ही उन्होंने पांच अध्यादेश लागू किए. इस दौरान उन्होंने सिर्फ चार दया याचिका को मंजूर किया और 30 को खारिज कर दिया.

3. शिक्षक प्रणब मुखर्जी

प्रणब मुखर्जी देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति बने जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान स्कूली बच्चों को पढ़ाया. पिछले दो साल में कई बार स्कूली बच्चों की क्लास ली. उन्होंने राष्ट्रपति भवन के भीतर स्थ‍ित राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय स्कूल में बच्चों को पढ़ाया.

4. ट्विटर पर पहुंचा राष्ट्रपति भवन

प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल के दौरान ही राष्ट्रपति भवन का 1 जुलाई, 2014 को ट्विटर एकाउंट शुरू हुआ. इसके द्वारा देश की जनता को सीधे राष्ट्रपति से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी देने की व्यवस्था शुरू हुई. फिलहाल राष्ट्रपति भवन के 32 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं.

5. म्यूजियम

राष्ट्रपति भवन के हेरिटेज बिल्ड‍िंग में एक नये म्यूजियम की शुरुआत की गई. पहले इस जगह का इस्तेमाल अस्तबल के रूप में किया जाता था. इसे अब एक अत्याधुनिक म्यूजिमय में बदल दिया गया है. यह एक स्पीकिंग म्यूजियम है, जिसमें राष्ट्रपति भवन अपनी कहानी बताता है.

6. स्मार्टग्राम पहल

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2 जुलाई, 2016 को 'स्मार्टग्राम' योजना की शुरुआत की जिसका उद्देश्य गांवों को एक खुशहाल और हाईटेक टाउनशिप में बदलना है. इसके तहत गांवों में शिक्षा, कौशल विकास, बुनियादी ढांचा, कृषि, स्वास्थ्य और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यक्रम चलाए जाते हैं.

Advertisement

7.राष्ट्रपति भवन तक जनता की पहुंच बढ़ाना

राष्ट्रपति भवन को देश के शीर्ष पर्यटन स्थल में शामिल करने की योजना के तहत 25 जुलाई, 2016 को तीन टूरिस्ट सर्किट-राष्ट्रपति भवन, मुगल गार्डन और राष्ट्रपति भवन म्यूजियम की शुरुआत की गई.

8. कल्याणकारी कार्य

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कल्याणकारी कार्य के तहत '4 एस' पहल की शुरुआत की. इसके तहत राष्ट्रपति भवन के अंदर बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए. इसके तहत योग क्लास, कम्युनिटी सिंगिंग, काउंसलिंग सेवा, मुफ्त स्वास्थ्य जांच, बोर्ड गेम आदि शामिल हैं.

9. सौर ऊर्जा का इस्तेमाल

राष्ट्रपति भवन को ऊर्जा के लिहाज से किफायती बनाने के लिए प्रणब मुखर्जी ने कई पहल किए. उनके कार्यकाल के पांचवें वर्ष में करीब 508 किलोवॉट का एक रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित किया गया है. राष्ट्रपति भवन तक आने-जाने के लिए आसपास के मेट्रो स्टेशन, बस स्टेशनों से ई- रिक्शा की शुरुआत की गई.

10. इन रेजिडेंस कार्यक्रम

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की एक महत्वपूर्ण उपलब्ध‍ि रही इन रेजिडेंस कार्यक्रमों की शुरूआत. यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन की गतिविधियों में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए शुरू किया गया. इसके तहत विद्वानों, कलाकारों और लेखकों को राष्ट्र‍पति भवन में ठहरने का मौका मिलता है.

11. ई- गवर्नेंस

Advertisement

नई तकनीक और समाधान अपनाने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कई प्रयास किए. राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय के कोडिंग और कैटलॉगिंग के लिए 'ई-पुस्तकालय' परियोजना शुरू की गई. ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए 8,310 ई-बुक्स अपलोड किए गए हैं. राष्ट्रपति भवन में आने वाले लोगों की सहूलियत के लिए ई-मैनेजमेंट विजिटर्स सिस्टम लागू किया गया.

12. बग्घी

आधुनिक भारतीय इतिहास में राष्ट्रपति भवन और उसकी विरासत को महत्व देने के लिए प्रणब मुखर्जी ने बग्घी की परंपरा को पुनर्जीवित किया. बीटिंग रीट्रीट में करीब 30 साल बाद पहली बार 29 जनवरी, 2014 को बग्घी का इस्तेमाल किया गया.

 

 

Advertisement
Advertisement