दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक षडयंत्र और दो समुदायों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देने के आरोप तय किए.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनीता गुप्ता ने सज्जन के साथ ही बलवान खोखर, कृष्ण खोखर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप तय करने के आदेश दिये थे. अदालत ने सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (साजिश), 302 (हत्या), 395 (डकैती), 427 (ऐसे कृत्य जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचे), 153 ए (दो समुदायों के बीच वैमनस्यता) और धारा 436 (आग या विस्फोटकों के उपयोग से नुकसान) के तहत आरोप तय किए हैं.
सज्जन समेत सभी आरोपियों ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए आरोपों का सामना करने की बात कही है. अदालत ने 15 मई को कांग्रेस नेता के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश दिए थे. अदालत को प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ सबूत मिले थे.
सीबीआई ने सज्जन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 31 अक्तूबर, 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक समुदाय विशेष के सदस्यों को उकसाया, जिसके बाद दिल्ली छावनी इलाके में पांच लोगों की हत्या हो गई थी. अपने बचाव में सज्जन ने कहा कि सीबीआई के गवाहों के बयान विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि उन्होंने कई बार अपने बयान बदले हैं.