दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर उस आपराधिक मानहानि मामले में पेश नहीं होने के लिए शनिवार को ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया जो उनके खिलाफ केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल ने दायर किया है. अमित सिब्बल भी पेशे से वकील हैं.
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट सुनील कुमार शर्मा ने केजरीवाल और सिसोदिया पर जुर्माना उनकी वह याचिका स्वीकार करते हुए लगाया जिसमें दोनों ने आज के दिन के लिए निजी तौर पर पेशी से छूट मांगी थी.
केजरीवाल ने इस आधार पर पेशी से छूट मांगी थी कि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के सिलसिले में बेंगलूरु में हैं जबकि सिसोदिया ने कहा कि उन्हें तत्काल उत्तर प्रदेश के अमेठी जाना है क्योंकि वहां कुछ व्यक्तियों के कथित हमले में आप नेता कुमार विश्वास तथा पार्टी के कुछ अन्य व्यक्तियों को चोटें आयी हैं. अदालत ने पेश होने वाले आप नेता प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी को यह वचन देने पर रिहा कर दिया कि वे उसके समक्ष प्रत्येक सुनवायी के दिन पेश होंगे. अदालत ने मामले की अगली सुनवायी की तिथि 19 अप्रैल तय की है.
अदालत ने गत वर्ष 24 जुलाई को केजरीवाल, सिसोदिया, भूषण और इल्मी को अमित द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में सम्मन जारी किया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि आप नेताओं ने कहा था कि उन्होंने अदालती मामलों में एक दूरसंचार कंपनी का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने पिता के पद का लाभ उठाया.
प्रशांत भूषण ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवायी नौ अप्रैल के बाद तय की जाये क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अमित की याचिका पर सुनवायी उसी दिन करना तय किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को केजरीवाल, सिसोदिया, भूषण और इल्मी को अमित द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था और पीठ ने यहां केजरीवाल एवं अन्य को निचली अदालत में पेशी से छूट के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी थी. अमित की ओर से अधिवक्ता मोहित माथुर ने भूषण और बचाव पक्ष के वकील राहुल मेहरा की दलीलों का विरोध किया और कहा, ‘हम लगातार इंतजार नहीं कर सकते.’